बस स्टैंड में बसें तैयार, मुसाफिर नदारद
बरनाला बेशक राज्य सरकार ने लोगों की सुविधा को देखते हुए दो माह पहले बसों के पहिए रुके हुए हैं।
संवाद सहयोगी, बरनाला : बेशक राज्य सरकार ने लोगों की सुविधा को देखते हुए दो माह पहले बसों के आवागमन को राज्य के भीतर मुसाफिरों के मुताबिक रुटों पर पीआरटीसी बसें चलाने की मंजूरी दे दी, वहीं नए आदेश के तहत मुसाफिरों को बसों में सीट की क्षमता के अनुसार बैठाने के आदेश दिया गया है। जिसमें मास्क अनिवार्य किया गया है। अब राज्य सरकार बसों के आवागमन को लेकर मंजूरी दे दी है व बसों के रुट खोल दिए है। परंतु कोविड-19 के कारण लोगों द्वारा जरुरी कामकाज के दौरान ही बसों पर सफर किया जा रहा है। गौर हो कि राज्य सरकार द्वारा बसों की मंजूरी के बाद बेशक बस स्टैंड में मुसाफिरों के इंतजार में बसों का बस काउंटरों पर जमावड़ा होना शुरु हो गया है, परंतु कहीं ना कहीं मुसाफिर गायब नजर आ रहे है। बस स्टैंड में आने वाले हजारों मुसाफिरों की संख्या अब 100 पर ठहर गई है। जिस कारण बस चालकों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। रोज हो रहा लाखों का नुकसान
पीआरटीसी बरनाला डिपो के अधिकारी भूरा सिंह ने कहा कि आम दिनों डिपो को रोजाना नौ लाख तक की कमाई होती थी, परंतु अब 90 फीसद कम हो गई है। 5 से 10 मुसाफिर एक रूप पर मुश्किल से सफर करते हैं। जिस कारण पीआरटीसी डिपो बरनाला को करोड़ो का नुकसान हो रहा है। एक रूट पर एक बस चला रहे
पीआरटीसी के बस चालक मनजिदर सिंह व गुरसेवक सिंह ने कहा कि मुसाफिर आ नहीं रहे है व बसें खाली ही खड़ी रहती है। एक रूट पर एक बस मुश्किल से जा रही है व दूसरी तरफ से एक ही बस उसी रुट पर वापिस आ रही है। मुसाफिर ना के बराबर है। करना पड़ रहा लंबा इंतजार
मुसाफिर गुरजीत सिंह, सरवन सिंह, मनजीत कौर, गुरजीत कौर ने कहा कि बस के चलने को लेकर कई मिनटों से इंतजार में बैठे हैं। बस चालक कहता है कि मुसाफिर आने दो फिर बस चलेगी। जिस कारण उन्हे गर्मी में पसीना पसीना होकर जाना पड़ रहा है।