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किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा में बरनाला निवासी की मौत से सदमे में परिवार

हरियाणा के बहादुरगढ़ में पंजाब से किसानों के ट्रैक्टर को ठीक करने गए बरनाला निवासी मैकेनिक की हादसे में मौत हो गई। हादसे की खबर के बाद से परिवार सदमे है। भाकियू ने मुआवजे व परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 06:06 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 06:06 PM (IST)
किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा में बरनाला निवासी की मौत से सदमे में परिवार
विलाप करते हरियाणा किसान आंदोलन में मारे गए जनकराज के स्वजन। जागरण

बरनाला [सोनू उप्पल/विक्रम सिंह]। पंजाब के बरनाला जिले के धनौला निवासी जनकराज की किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा में मौत हो गई। जनकराज दो महीनों से किसान आंदोलन में सक्रिय थे। पति की मौत की खबर सुनते ही पत्नी उर्मिला सदमे में है। वह अपनी सुधबुुुध खो बैठी है। वह बार-बार यही कह रही है कि कोई उसे उसके पति का चेहरा दिखा दे। घर पर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों सहित गांव के लोग शोक जताने पहुंच रहे हैं।

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बता दें, जनकराज की हरियाणा के बहादुरगढ़ में हादसे में मौत हो गई थी। वह दिल्ली कूच करने के लिए पंजाब से चले किसान का ट्रैक्टर ठीक करने के लिए स्विफ्ट कार से आया था। इसी दौरान कार में आग लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई। आग कैसे लगी, यह अभी पता नहीं चल पाया है। घटना बाइपास पर हुई।

ग्रामीणों के मुताबिक जनकराज शुरू से ही संघर्षशील थे। वह आंदोलन में संघर्ष पर दो माह से डटे थे। घर से जाने से पहले जनकराज ने बेटे को कहा कि बेटा अगर पंजाब खत्म हो गया, पंजाबियत मर जाएगी। जनकराज का एक बेटा व बेटी है। बेटी की शादी हो चुकी है व बेटे की शादी की बात चल रही थी, परंतु दर्दनाक हादसे से हर कोई सहम गया व गांव में मातम छा गया है। इस घटना के बाद गांव में सन्नाटा पसरा है व एक भी घर में रोशनी नहीं हुई।

मृतक जनक राज के बेटे साहिल ने कहा कि उसके पिता शुरुआत से ही संघर्षशील रहे हैंं। वह हर संघर्ष में अहम भूमिका निभाते रहे। पिता क्रांतिकारी सोच रखते थे व कभी किसी के साथ धक्का बर्दाश्त नहीं करते थे। पिता दो माह से किसानों के चल रहे अनिश्चितकालीन आंदोलन में लगातार भूमिका निभा रहे थे व किसानों के साथ डटे हुए थे। पंजाब के माहौल को लेकर बहुत ही ज्यादा सोचते थे। अकसर उन्हेंं यहीं कहा करते थे कि अगर पंजाब से कुछ गलत हो गया, तो पंजाब रुल जाएगा व लोग रुल जाएंगे। अगर पंजाब उजड़ गया, तो पंजाब खत्म हो जाएगा। पंजाब को बचाना बहुत जरूरी है। बस यही कहते हुए वह घर से चले गए। साहिल ने कहा कि उनके परिवार में उनके पिता ही कमाने वाले थे। पिता साइकिल की दुकान करते थे तो वह ट्यूशन पढ़ाता था। इसी काम से घर का गुजारा चलता था।

भाकियू ने की नौकरी और मुआवजे की मांग

भारतीय किसान यूनियन उगराहां के ब्लाक प्रधान कृष्ण सिंह ने घटना के बाद परिवार को दुख सांझा करते हुए सदमा सहन करने का हौसला दिया। ब्लाक प्रधान द्वारा मृतक के परिवारिक सदस्यों को 20 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग रखी है। उन्होंने कहा कि जब तक मृतक के परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी, तब तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।


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