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अधिकार के लिए सभी को आगे आना चाहिए : अग्रवाल

बरनाला जिला कानूनी सेवाएं अर्थारिटी द्वारा इंसाफ सभी को सलोगन के तहत पंजाब पीड़ित मुआवजा की दी जानकारी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 11:07 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 06:08 AM (IST)
अधिकार के लिए सभी को आगे आना चाहिए : अग्रवाल
अधिकार के लिए सभी को आगे आना चाहिए : अग्रवाल

संवाद सहयोगी, बरनाला :

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जिला कानूनी सेवाएं टथार्टी ने इंसाफ सभी को स्लोगन के तहत पंजाब पीड़ित मुआवजा स्कीम 2017 के अधिकारों की जागरूक करने के लिए फ्लैक्स लगाए गए हैं। जिला एंड सेशन जज कम जिला कानूनी सेवाएं अथार्टी बरनाला के चेयरमैन जज वरिदर अग्रवाल के नेतृत्व में थाना सिटी-1, थाना सिटी-2 व थाना सदर में लगाए गए फ्लैक्स में मुआवजा लेने की जानकारी दी गई है। अग्रवाल ने बताया कि यह स्कीम पीड़ित व उनके निर्भर व्यक्तियों पर लागू होगी। जिनको किसी अपराध के कारण नुकसान हुआ हो या चोट लगी हो व जिनका पुनर्वास की जरूरत हो।

मुआवजा लेने का तरीका

इसके तहत धारा 357ए सीआरपीसी के तहत जब आरोपित अज्ञात हो या तलाश न की जा सकें, लेकिन पीड़ित की पहचान हो गई हो व कोई भी अदालती कार्रवाई ना हुई हो तो पीड़ित व उसके निर्भर व्यक्ति दरखास्त राज स्तर व जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी को दे सकते हैं।

अगर अदालत इस नतीजे पर पहुंची है कि धारा 357ए के तहत जो मुआवजा आरोपित को देने के लिए कहा गया है। वह उचित नहीं या जहां आरोपित बरी हुआ है पर अदालत को लगे कि पीड़ित का पुनर्वास जरूरी है तो अदालत में मुआवजा की सिफारिश कर सकती है।

संबंधित पुलिस थाने के इंचार्ज या संबंधित क्षेत्र के मैजिस्ट्रेट के सर्टीफिकेट से तुरंत फ‌र्स्ट एड व मुक्त डॉक्टरी सहायता उपलब्ध करवाई जा सकती है व कोई अंतरिम राहत भी दी जा सकती है। ध्यान रखने योग्य बातें

दरखास्त अपराध होने से तीन वर्ष के अंदर संबंधित अथॉरिटी में लगानी होती है। अगर संबंधित अथॉरिटी संतुष्ट ना हो। तो वह 1 वर्ष तक की देरी से कर सकती है।

अपराध जिस करके मुआवजे की दरखास्त लगाई जानी है। वह पंजाब राज के अधिकार क्षेत्र में हुआ हो। अगर पीड़ित पंजाब राज के अधिकार क्षेत्र अंदर मिला है। तो वह भी मुआवजा लेने का हकदार है।

पीड़ित व्यक्ति को किसी भी केंद्रीय राज्य सरकार की किसी भी स्कीम के तहत मुआवजा ना मिला हो तो पीएमएनआरएफ, सीबीसीएस मुख्यमंत्री राष्ट्रपति क्षेत्र फंड तेजाब पीड़ित स्कीम के तहत मुआवजे से लागू नहीं होती।

अगर पीड़ित 14 वर्ष से कम है तो मुआवजा 50 फीसद तक बढ़ाया जा सकता है। मुआवजा लेने के लिए पीड़ित उसके निर्भर व्यक्ति को निर्भरता सर्टिफिकेट पेश करना होगा, जोकि कलेक्टर द्वारा जारी किया जाता है। मुआवजा लेने के हकदार व कितना मुआवजा मिलेगा?

तेजाब हमले की शिकार पीड़ित को कम से कम 3 लाख व सौ फीसद मेडिकल डॉक्टरी इलाज मुफ्त की सुविधा है। तेजाब हमले के कारण मौत पर 5 लाख का मुआवजा। दुष्कर्म के शिकार को 3 लाख का मुआवजा, मौत हो जाने पर 4 लाख का मुआवजा। नाबालिक से शरीर शोषण के शिकार मामले में दो लाख का मुआवजा। मानव तस्करी के पीड़ित को एक लाख का मुआवजा। मृतक के निर्भर को दो लाख का मुआवजा। स्थाई व आशंकित दिव्यांग को दो लाख मुआवजा व आशंका को एक लाख मुआवजा। भ्रूण व जनशक्ति के नुकसान के पीड़ित को 50 हजार व जनशक्ति को डेढ़ लाख मुआवजा।

झुलसे पर 25 फीसद से अधिक नुकसान के पीड़ित को 2 लाख मुआवजा का प्रावधान है।


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