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राष्ट्रीय लोक अदालत में 20 साल पुराने केसों का हुआ निपटारा

बरनाला जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी द्वारा राष्ट्रीय कानूनी सेवाएं अथॉरिटी नई दिल्ली व पंजाब कानूनी सेवाएं अथॉरिटी एसएएस नगर मोहाली के दिशा निर्देशानुसार जिला एंड सेशन जज कम चेयरमैन जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी बरनाला जज वरिदर अग्रवाल के नेतृत्व में 9 बैंचो का गठन करके प्रीलिटिगेटिव व पेंडिग केसों की सुनवाई करके दोनों पक्षों का आपसी समझौता करवाया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 11:05 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 06:12 AM (IST)
राष्ट्रीय लोक अदालत में 20 साल पुराने केसों का हुआ निपटारा
राष्ट्रीय लोक अदालत में 20 साल पुराने केसों का हुआ निपटारा

जागरण संवाददाता, बरनाला : जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी ने राष्ट्रीय कानूनी सेवाएं अथॉरिटी नई दिल्ली व पंजाब कानूनी सेवाएं अथॉरिटी एसएएस नगर मोहाली के निर्देशानुसार जिला एंड सेशन जज कम चेयरमैन जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी बरनाला जज वरिदर अग्रवाल के नेतृत्व में नौ बेंचों का गठन कर प्रीलिटिगेटिव व पेंडिग केसों की सुनवाई कर दोनों पक्षों का आपसी समझौता करवाया। नौ बेंचों की गठित टीम में जिला एंड सेशन जज वरिदर अग्रवाल, एडिशनल जिला एंड सेशन जज अरुण गुप्ता, जिला जज फैमिली कोर्ट ललित कुमार सिगला, एडिशनल जिला एंड सेशन जज बरजिदर पाल सिंह, एसीजेएम अमरिदर पाल सिंह, सीजीएम विनीत कुमार नारंग, एसीजेएसडी गुरमीत सिंह, जेएमआइसी राजिदर सिंह नागपाल, जेएमआइसी कुलविदर कौर शामिल थे। जिनकी तरफ से राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 1602 केसों की सुनवाई करके 422 केसों का आपसी समझौता करवा गया। इसके तहत 6 करोड 9 लाख 50409.53 रुपये का अवार्ड पास किया गया।

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जज वरिदर अग्रवाल ने बताया कि सतनाम सिंह बनाम नाजर सिंह की सिविल अपील बरजिदर पाल सिंह की कोर्ट में पेंडिंग था। उन्होंने बताया कि 15 वर्ष पहले नाजर ने सतनाम सिंह के विरोध में सिविल केस दायर किया था। जिसमें सतनाम सिंह ने चार लाख 55000 प्रति किला के हिसाब से 20 कनाल एक मरला का सौदा तय किया था व एडवांस दो लाख लेकर इकरारनामा किया था। परंतु बाद में सतनाम सिंह सेल डीड करवाने से इंकार कर दिया। सतनाम सिंह के अनुसार उसका नाजर सिंह के साथ कोई भी इकरारनामा नहीं हुआ था व नाजर सिंह ने एक इकरारनामा में नकली दस्तावेज तैयार किए थे। 7 नवंबर 2016 को केस का फैसला नाजर सिंह के हक में होने के बाद सतनाम सिंह को नाजर सिंह के नाम पर बकाया रकम प्राप्त करके तीन महीने में सेल डीड करवाने के आदेश दिए थे। जिसके बाद सतनाम सिंह द्वारा फैसले के विरुद्ध अपील करते इंसाफ की मांग की, परंतु राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों का समझौता करवाया गया।

साधु सिंह बनाम मलकीत सिंह का दीवानी केस जज अमरिदर पाल सिंह की कोर्ट में पेंडिग था। करीब 20 वर्ष पहले साधु सिंह द्वारा मलकीत सिंह विरोध सिविल केस दायर किया था, जिसमें 1 लाख 60 हजार प्रति किला के हिसाब से 26 कनाल का सौदा हुआ, जिसमें एडवांस में चार लाख 80 हजार का इकरारनामा किया व बाद में मलकीत सिंह मुकर गया। 30 दिसंबर 1999 में साधु सिंह निर्मल की सिंह विरोध केस दायर किया। जिसके बाद 14 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों का आपसी समझौता करवाया गया व मलकीत सिंह ने साधु सिंह को 10 लाख अदा किए।

इसी तरह सुरजीत सिंह बनाम चरण सिंह की सिविल अपील जज बरजिदर पाल सिंह के अदालत में लंबित था। अपील में राष्ट्रीय लोक अदालत में रखकर जिला एंड सेशन जज के प्रयत्नों से दोनों पक्षों का आपसी समझौता करवा केस को निपटाया गया।


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