Move to Jagran APP

रणिके मंदिर में शिवलिग का स्पर्श नहीं कर सकेंगे, केवल दर्शन ही होंगे

ट्राइडैंट ग्रुप के चेयरमैन पद्मश्री राजिंदर गुप्ता करीब 20 करोड़ रुपये रणिके मंदिर के नवनिर्माण पर खर्च कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 11:43 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 06:10 AM (IST)
रणिके मंदिर में शिवलिग का स्पर्श नहीं कर सकेंगे, केवल दर्शन ही होंगे
रणिके मंदिर में शिवलिग का स्पर्श नहीं कर सकेंगे, केवल दर्शन ही होंगे

हेमंत राजू, बरनाला : ट्राइडैंट ग्रुप के चेयरमैन पद्मश्री राजिंदर गुप्ता करीब 20 करोड़ रुपये रणिके मंदिर के नवनिर्माण पर खर्च कर रहे हैं। 108 फीट ऊंचा सफेद संगमरमर से भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। मंदिर निर्माण में करीब एक सौ से अधिक पत्थर पर कसीदाकारी करने वाले कारीगर जुटे हुए हैं। इस मंदिर का निर्माण तीन वर्ष में पूरा होगा। इस मंदिर के निर्माण में विशेषता यह है कि इसमें लोहे का प्रयोग नहीं किया गया जाएगा। अब बेस से दो फीट व मंदिर भवन करीब छह फीट ऊंचा हो जाएगा। पहले एक टाइम में जलाभिषेक केवल तीन चार श्रद्धालु ही कर पाते थे, अब नवनिर्माण के चलते 15 बाइ 15 के भवन निर्माण के कारण काफी श्रद्धालु जलाभिषेक कर पाएंगे।

prime article banner

दिन दिवसीय मेला शुरू

महाशिवरात्रि के दौरान वीरवार से मंदिर में तीन दिवसीय मेला शुरू हो गया है। पहले दिन करीब 30 हजार श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। मंदिर के निर्माण के चलते अब शिवलिंग पर पर पीतल के बक्से और पाइप के जरिये जलाभिषेक करवाया जा रहा है। अब श्रद्धालु बाबा भोले नाथ के शिवलिग को स्पर्श नही पाएंगे बस केवल दूर से दर्शन ही हो पाएंगे।

भंडारे का आयोजन

-- संगरूर, धूरी, मलेरकोटला व बरनाला आदि क्षेत्रों से कई धार्मिक संगठनों ने मेले के दौरान तीन दिवसीय विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के भंडारे के आयोजन शुरू कर दिया है, जोकि तीन दिन तक श्रद्धालुओं के लिए जारी रहेगा। इन्हीं संगठनों के वर्कर्स व गांववासी पुलिस कर्मियों के सहयोग से भवन व मेले का प्रबंधन कर रहे हैं।

लाइन लगाकर दर्शन करने की अपील

मंदिर के प्रबंधक स्वामी हरदेव गिरी ने श्रद्धालुओं से अपील करते कहा कि निर्माण के चलते श्रद्धालु लाइनों में लग कर शांति से दर्शन करें और मेले प्रबंधकों का सहयोग करें। ट्राइडैंट ग्रुप के चेयरमैन पद्मश्री राजिदर गुप्ता पिछले 35 वर्ष से बरनाला से मंदिर तक करीब 21 किलोमीटर पैदल चल कर ही बाबा के दर्शन करने जाते हैं। आज भी सुबह 10 बजे वह बाबा के दर्शन करने जाएंगे। जिले के विभिन्न कावड़ संगठनों के कावड़ियों द्वारा हरिद्वार व गोमुख से लाई जाने वाली कावड़ भी मंदिर में चढ़ाई जाती हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.