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देश में हालात नाजुक, शिक्षकों, विद्वानों व विद्यार्थियों को निभानी होगी जिम्मेदारी: रंधावा

। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी का परिसर बुधवार को ढोल-नगाड़ों के साथ झूम उठा। मौका था 35वें नॉर्थ जोन अंतर-यूनिवर्सिटी यूथ फेस्टिवल युवफोरिया-2019 का।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 01:04 AM (IST)Updated: Thu, 26 Dec 2019 06:11 AM (IST)
देश में हालात नाजुक, शिक्षकों, विद्वानों व विद्यार्थियों  को निभानी होगी जिम्मेदारी: रंधावा
देश में हालात नाजुक, शिक्षकों, विद्वानों व विद्यार्थियों को निभानी होगी जिम्मेदारी: रंधावा

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी का परिसर बुधवार को ढोल-नगाड़ों के साथ झूम उठा। मौका था 35वें नॉर्थ जोन अंतर-यूनिवर्सिटी यूथ फेस्टिवल युवफोरिया-2019 का। उत्तर भारत की 37 यूनिवर्सिटियों के करीब 1500 विद्यार्थी ढोल की थाप पर नाचते और गाते हुए जीएनडीयू के अंदर दाखिल हुए। एंट्री के दौरान अलग-अलग विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी ने अपनी कला का अलग अंदाज पेश किया।

यूथ फेस्टिवल का आगाज आसमां में गुब्बारे छोड़ कर किया गया। इसके बाद दशमेश ऑडिटोरियम में शमां रोशन की गई। समारोह में पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिदर सिंह रंधावा मुख्य मेहमान के तौर पहुंचे थे। रंधावा ने कहा कि देश का भविष्य युवाओं के हाथ में है जो मेरे सामने बैठे हुए हैं। युवा पीढ़ी को इस बारे में सोचना होगा कि यूनिवर्सिटी से निकलने के बाद वह जिस किसी भी प्रोफेशन में जाएं, वहां पर अपने देश को मुख्य रखकर सोचें कि उनके काम से देश और देशवासियों को क्या फायदा हो रहा है। विद्यार्थियों को ही देश की लीडरशिप भी तय करनी है। इसलिए किसी भी नेता को वोट देने से पहले यह देखें कि क्या वह सच में जनता के हित में है या नहीं। क्योंकि आज के समय में राजनीति की छवि बिगड़ चुकी है।

रंधावा ने कहा कि पंजाब विधानसभा में उनके सहित कुल 117 सदस्य हैं। अगर यह 117 सदस्य लोगों को न्याय नहीं दे सकते हैं तो इन्हें वहां पर बैठने का भी कोई अधिकार नहीं है। मौजूदा समय में देश में हालात बहुत ही नाजुक हैं। इसलिए देश को बचाने के लिए अध्यापकों, विद्वानों और विद्यार्थियों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। सभी को एक साथ आर देश को आगे ले जाने के लिए काम करना होगा।

इससे पहले, डीन प्रोफेसर सरबजोत सिंह बहल ने शायरी पेश कर पूरे हाल में बैठे श्रोताओं में जोश भर दिया। उन्होंने अपनी शायरी के माध्यम से कहा, आज युवाओं को देखकर उन्हें अपनी जवानी याद आ गई। करीब 20 मिनट के अपने संबोधन में प्रो. बहल ने अपनी शानदार शायरी के लिए विद्यार्थियों को तालिया बजाने पर मजबूर कर दिया।

इसके अलावा रजिस्ट्रार करणजीत सिंह काहलों, डॉ.हरदीप सिंह और अन्य लोगों ने अपने-अपने तरीके से युवाओं का यूथ फेस्टिवल में पहुंचने के लिए स्वागत किया। फेस्टिवल के पहले दिन पहले दिन दशमेश ऑडिटोरियम में मिमक्री और माइम के मुकाबले, आर्कीटैक्ट विभाग में फोटोग्राफी और कोलॉज के मुकाबले करवाए गए। यूनिवर्सिटियों के विद्यार्थियों ने अलग-अलग अंदाज में की एंट्री:

मार्च पास्ट के दौरान चौधरी देवी लाल यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने हरियाणवी नृत्य छल्लियां, गढ़वाल यूनिवर्सिटी की ओर से पोना नृत्य, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की ओर से भंगड़ा, आइके गुजराल यूनिवर्सिटी की ओर से हरियाणवी पहरावे में खंडवा नाच, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की ओर से भंगड़ा और ऑटोमेटिक सोलर बस, कुमाऊं यूनिवर्सिटी की ओर से उत्तराखंड का पारंपारिक गीत, पहरावा, पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की ओर से गिद्दा और भंगड़ा, पीएयू की ओर से महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ नुक्कड़ नाटक, दियालबाग यूनिवर्सिटी आगरा के विद्यार्थियों ने कजरी पेश कर एंट्री की। इसके अलावा जम्मू यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, पंजाबी यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने अलग अंदाज में जीएनडीयू परिसर में एंट्री की।


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