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भाषाओं को डिजिटल रूप दिया जाना जरूरी : प्रो.नारंग

। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा और भाषा विषय पर करवाई जा रही वर्कशॉप मंगलवार को संपन्न हो गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 12:31 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 12:31 AM (IST)
भाषाओं को डिजिटल रूप दिया जाना जरूरी : प्रो.नारंग
भाषाओं को डिजिटल रूप दिया जाना जरूरी : प्रो.नारंग

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा और भाषा विषय पर करवाई जा रही वर्कशॉप मंगलवार को संपन्न हो गई। इस वर्कशाप में अलग-अलग विभागों के अध्यापकों ने भाग लिया।

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी नई दिल्ली के प्रोफेसर वश्नवा नारंग मुख्य मेहमान के तौर पर इसमें उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि भाषा और भाषा विज्ञान में थ्यूरी एप्लीकेशन के आधार पर भाषा समूह एक जरूरी स्त्रोत बन गया है। मौजूदा समय में जरूरत है कि विभिन्न भाषाओं के पाठ इकट्ठे करके इसे डिजिटल रूप दिया जाए और मार्डन कंप्यूटर टेक्नोलॉजी की मदद के साथ इस प्रक्रिया और विश्लेषण की तरफ ध्यान दिया जाए।

प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर प्रो. अमित कोत्स ने कहा कि वर्कशॉप का उद्देश्य विद्यार्थियों को बहुत ही सरल तरीके से विदेशी भाषाओं का ज्ञान करवाने के लिए रास्ते खोजना है। भाषा को सुनने, बोलने, पढ़ने और लिखते समय वैज्ञानिक तरीकों की मदद लेनी चाहिए। साथ ही ज्यादा से ज्यादा भाषाओं के बारे में ज्ञान भी हासिल करना चाहिए।

विभाग की हेड डॉ. दीपा सिकंद ने कहा कि भाषा केवल क्लासरूम के लिए नहीं बल्कि सामाजिक विचारों के आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण तरीका है। इसलिए इसमें पेश आ रही मुश्किलों और चुनौतियों का हल निकालने के लिए पुख्ता कदम उठाए जाने की जरूरत है। इस मौके पर डॉ. गणेश मनोहर, डॉ. संयम व अन्य मौजूद थे।


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