सरकारी मेडिकल कॉलेज में महिला से उत्पीडन के मामले ने तूल पकड़ा, महिला आयोग हुआ सख्त
अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में महिला उत्पीड़न के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले पर पंजाब महिला आयोग सख्त हो गया है।
अमृतसर, [नितिन धीमान]। यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज में महिला उत्पीडन के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में पंजाब महिला आयोग सख्त हाे गया है। पंजाब महिला आयाेग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने कॉलेज का दौरा किया और मामले की जांच की। उनके तेवर कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सुजाता शर्मा के प्रति सख्त दिखे। मेडिकल कॉलेज में महिला यौन उत्पीका के मामलों में कार्रवाई न करने पर पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने बड़ा कदम उठाने की तैयारी में हैं।
सरकारी मेडिकल कॉलेज की ङ्क्षप्रसिपल पर चलेगा महिला आयोग का चाबुक
मनीषा गुलाटी मेडिकल कॉलेज पहुंचीं। उन्होंने यहां गठित सेक्सुअल हरासमेंट कमेटी में शामिल सदस्यों की सूची फाड़ फेंकी। गुलाटी ने कहा कि कॉलेज में छेड़छाड़ का शिकार लड़कियां सिसक रही हैं और कॉलेज प्रशासन हर मामले को दबाने में लगा है। उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि वह सरकार को लिखेंगी कि डॉ. सुजाता को प्रिंसिपल पद से हटाया जाए। मनीषा गुलाटी ने डॉ. सुजाता शर्मा एवं गुरु नानक देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. जगदेव सिंह कुलार को समन जारी कर सोमवार को चंडीगढ़ में आयोग के कार्यालय में पेश होने के आदेश जारी किए हैं।
महिला आयोग की चेयरपर्सन ने भंग की सेक्सुअल हरासमेंट कमेटी, सदस्यों के नामों वाली सूची को फाड़ा
दरअसल, सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर एवं इससे संबद्ध गुरु नानक देव अस्पताल में डिप्लोमा कर रही एक छात्रा एवं एक नर्सिंग स्टाफ से अस्पताल के ही कर्मचारियों ने छेड़छाड़ की। इन मामलों की जानकारी मिलने पर मनीषा गुलाटी मेडिकल कॉलेज स्थित प्रिंसिपल कार्यालय पहुंचीं। चूंकि डॉ. सुजाता शर्मा एवं डॉ. जगदेव सिंह कुलार चंडीगढ़ में विभागीय मीटिाग में गए थे, इसलिए मनीषा गुलाटी ने कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल डॉ. वीणा चतरथ व डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. अशोक सिद्धू को जांच में शामिल किया।
मनीषा गुलाटी ने सबसे पहले सेक्सुअल हरासमेंट कमेटी में शामिल सदस्यों की सूची मंगवाई और इसमें शामिल सदस्यों पर एतराज जताया। उन्होंने साफ कहा कि कमेटी में सामाजिक कार्यकर्ता, एडवोकेट भी शामिल होना चाहिए। मनीषा गुलाअी ने कहा, पिछली मर्तबा भी मैंने कॉलेज में आकर यह बात कही थी, मगर प्रिंसिपल ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अपनी मर्जी से ही कमेटी के सदस्य बना दिए, जो हर मामले को दबाते जा रहे हैं। अब मैं खुद मेडिकल कॉलेज में सेक्सुअल हरासमेंट कमेटी का गठन करूंगी। इसके बाद चेयरपर्सन ने मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के सेक्रेट्री डीके तिवारी को फोन कर सारी स्थिति से अवगत करवाया।
यौन उत्पीडऩ के सभी मामलों की रिपोर्ट मांगी
मनीषा गुलाटी ने वाइस प्रिंसिपल से कहा कि कॉलेज में अब तक यौन उत्पीडऩ की जितनी भी शिकायतें आई हैं, उन पर क्या एक्शन हुआ, इसकी रिपोर्ट मुझे दी जाए। इनमें से किसी भी शिकायत का निपटारा नहीं हुआ है। ये दो मामले मीडिया के जरिए आयोग के ध्यान में आ गए, वरना कॉलेज प्रशासन इन्हें भी दबा देता।
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यौन उत्पीड़न का शिकार युवतियों ने सुनाई दास्तां
मनीषा गुलाटी के सामने पेश हुई गायनी इमरजेंसी में कार्यरत स्टाफ नर्स ने कहा कि अस्पताल में काम करने वाले ओटी असिस्टेंट ने उसे किस की थी। वह स्टोर में कुछ सामान लेने गई थी। बलविंदर वहां आ धमका। उसने मुझे पकड़ा जबरदस्ती करने की कोशिश की। मैं किसी तरह वहां से निकली। मनीषा गुलाटी ने ओटी असिस्टेंट को भी तलब कर लिया। उसने कहा कि उसने इस तरह की कोई हरकत नहीं की। स्टोर से सामान निकालते वक्त मेरा हाथ उसके शरीर पर टच हो गया था। इससे ज्यादा और कुछ नहीं हुआ।
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पहले मैसेज भेजा, फिर जबरदस्ती करने का प्रयास किया
डिप्लोमा छात्रा ने मनीषा गुलाटी से कहा कि गुरु नानक देव अस्पताल के आइसीयू में कार्यरत एक टेक्निशियन ने उसे वॉट्सएप पर मैसेज भेजा-आइ लाइक यू। उसने मुझसे जबरदस्ती करने की भी कोशिश की थी। मैंने इस बात की शिकायत सीनियर डॉक्टर से की। टेक्निशियन मुझसे कहता है कि अगर किसी को बताया तो तुम्हारी अटेंडेंट शॉर्ट कर दूंगा। इस पर मेडिकल कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल डॉ. वीणा चतरथ ने कॉलेज प्रशासन का बचाव करते हुए कहा कि इसने हमें तो शिकायत ही नहीं दी। इस पर मनीषा गुलाटी ने कहा कि अब तो आपके पास शिकायत पहुंच गई है, आप बताइए क्या करेंगी?
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