गुरु नानक देव अस्पताल में डिलीवरी के बाद महिला की मौत
बुधवार को गुरु नानक देव अस्पताल में एक महिला ने बच्चे को जन्म देने के बाद दम तोड़ दिया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : बुधवार को गुरु नानक देव अस्पताल में एक महिला ने बच्चे को जन्म देने के बाद दम तोड़ दिया। महिला की मौत के बाद महिला के परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ धरना लगा दिया। बोले-डॉक्टर की लापरवाही से मेरी पत्नी की मौत हो गई। वह दर्द से कराहती रही और डॉक्टर उसे ग्लूकोज लगाकर मोबाइल पर मशगूल रहे। हम डॉक्टर को बुलाते रहे लेकिन वो हमें झिड़किया देकर भगा देते।
दरअसल मनी निवासी मोहकमपूरा की डिलीवरी गाइनी वार्ड में हुई थी। बीते मंगलवार को उसने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। मनी के पति अजय ने बताया की डिलीवरी के बाद डॉक्टर ने मनी की केयर नहीं की। डॉक्टर उनसे दुर्व्यवहार करते रहे। डॉक्टर ने मनी को सिर्फ ग्लूकोज लगाया और उसके बाद वह उसकी जाच के लिए एक बार भी नहीं आए। ग्लूकोज की सीरीज उसकी कलाई पर लगाई गई थी। कलाई से खून निकलता रहा। वह डॉक्टर के पास गए लेकिन उन्होंने डाट कर भगा दिया। डॉक्टर हम से दवाइया मंगवाते रहे। खून की 15 बोतल भी मुझसे मंगवाई। उन्होंने अपने दोस्तों और सगे संबंधियों को बुलाकर खून का इंतजाम किया लेकिन डॉक्टर ने बुधवार देर शाम कह दिया कि मनी की मौत हो चुकी। अजय के अनुसार डॉक्टर की लापरवाही से उसकी पत्नी की जान गई है। डॉक्टर पूरा-पूरा दिन मोबाइल पर सोशल मीडिया पर व्यस्त रहते थे। यदि कोई मरीज का अटेंडेंट उनके पास जाता तो वह उसे डाट कर भगा देते। मनी की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में धरना लगा दिया। परिजन काफी आक्त्रोशित थे। ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को बुलाया लेकिन परिजनों की माग थी कि गायनी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। समाचार लिखे जाने तक धरना जारी था।
दूसरी तरफ गुरु नानक देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जगदेव सिंह कुलार ने कहा कि इस मामले की जाच करवाएंगे। परिजनों का धरना समाप्त करने के लिए वह सर्जरी विभाग के डॉ. राकेश शर्मा को भेज रहे हैं।