पानी व्यर्थ बहाने वालों पर छह दिन बाद भी नहीं चला चालान का चाबुक
जल संकट के संभावित खतरे को मद्देनजर रखते हुए पंजाब सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी किया था।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : जल संकट के संभावित खतरे को मद्देनजर रखते हुए पंजाब सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी किया था। इसके तहत पानी व्यर्थ बहाने वालों को आर्थिक दंड लगाया जाएगा। पानी का कनेक्शन काटने की भी चेतावनी जारी की गई। इस सरकारी चेतावनी का लोगों पर कोई असर नहीं हुआ, क्योंकि सरकारी बाबुओं ने अपने वातानुकूलित कमरों से बाहर निकलकर फील्ड में यह चेक नहीं किया गया किन-किन क्षेत्रों में पानी व्यर्थ बहाया जा रहा है। दुखद पहलु यह है कि 27 जून को सरकारी आदेश होने के बावजूद अभी तक नगर निगम द्वारा टीमों तक का गठन नहीं किया गया है, कार्रवाई तो दूर की बात है।
27 जून को पंजाब सरकार सभी नगर निगमों के मेयर, कमिश्नर, रीजनल डिप्टी डायरेक्टर, नगर कौंसिल, नगर पंचायत के कार्यसाधक अधिकारियों, नगर सुधार ट्रस्टों के चेयरमैन एवं कार्यसाधक अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि वे पेयजल का दुरुपयोग रोकें। सरकारी आदेश में स्पष्ट लिखा गया था कि देश के कई राज्यों में सूखे के हालात पैदा हो रहे हैं। पेयजल की उपलब्धता न होने के कारण हाहाकार मची है। कुछ राज्यों में लोगों को दूसरे राज्यों की ओर रुख करना पड़ रहा है। पानी का दुरुपयोग रोकने के लिए सरकारी आदेश में चालान का चाबुक चलाने की बात दर्ज की गई थी। पहली बार पानी का दुरुपयोग करते पकड़े जाने पर एक हजार रुपये जुर्माना, दूसरी बार दो हजार रुपये, तीसरी बार दुरुपयोग करते पकड़े जाने पर पानी का कनेक्शन काटने का प्रावधान रखा गया है। पार्कों अथवा बगीचों में पानी लगाने का समय सायं पांच बजे के बाद नियत किया है। यदि सुबह अथवा दोपहर के समय कोई पार्कों को पानी लगाता पाया गया तो उसे दो हजार रुपये जुर्माना देना होगा। जल्द जांच के लिए फील्ड में उतरेंगी टीमें : एसई
सरकार ने आदेश जारी कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली, क्योंकि सरकारी अधिकारियों ने अभी तक एक भी चालान नहीं काटा। पानी की वेस्टेज रोकने का काम निगम ऑप्रेशन एंड मैनटिनेंस सेल के जिम्मे है, पर विभाग द्वारा अभी तक सरकारी आदेशों को अमलीजामा पहनाने के लिए कोई कवायद नहीं की गई है। बकौल एसई ओएंडएम अनुराग महाजन टीमें बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एक आध दिनों में टीमें बनाकर उन्हें फील्ड में उतार दिया जाएगा और किसी भी प्रकार की वाटर वेस्टेज बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रोजाना 40 फीसद शुद्ध जल हो रहा बर्बाद
शहर में प्रतिदिन चालीस फीसद शुद्ध जल व्यर्थ जा रहा है। चमरंग रोड स्थित टेलीफोन एक्सचेंज की टंकी हर रोज ओवरफ्लो होकर हजारों लीटर पानी व्यर्थ बहा देती है। एक्सचेंज के कर्मचारी मोटर बंद नहीं करते। रंजीत एवेन्यू सी ब्लॉक क्षेत्र में ट्यूबवेल से पानी की लगातार लीकेज हो रही है। गुरुनानक देव अस्पताल, सिविल अस्पताल में हर रोज हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। सरकारी विभागों में ही पानी के साथ मनमानी हो रही है तो आम लोगों को सरकार कैसे रोकेगी? शहर के पॉश एरिया में सुबह छह से आठ बजे तक कारें धोने में हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। कहीं नल खुले हैं तो कहीं टंकियों ओवरफ्लो हैं। अब भी यदि सरकारी बाबू अपनी कुर्सी से नहीं उठे तो फिर स्थिति इतनी भयानक होगी जिसका सामना करना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन होगा। जल्द एक्शन मोड में आए निगम : दत्ती
पानी की समस्या बहुत ही गंभीर समस्या है ओर पंजाब सरकार भी इसे लेकर बहुत गंभीर है। सरकारी के सख्ती के आदेशों के बाद ही नगर निगम को एक्शन मोड में आ जाना चाहिए था। इसे दुखद ही कहेंगे कि अभी तक इस बाबत टीमों का गठन नहीं हुआ है। निगम जल्द एक्शन मोड पर आए और पानी वेस्ट करने वालों पर अंकुश लगाए।
-सुनील दत्ती, विधायक मेयर से बात कर टीम गठित करवाएंगे : वेरका
'दैनिक जागरण' के 'घंटी बजाओ, पानी बचाओ' अभियान के बाद पंजाब सरकार ने बकायदा नोटिफिकेशन करते हुए इसे सख्ती से लागू करने को कहा था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह खुद पानी को लेकर बहुत ही गंभीर है। आज ही मेयर से बात करके जल्द से जल्द टीम का गठन करवाया जाएगा ताकि पानी वेस्ट करने वालों पर कार्रवाई हो सके।
-डा. राजकुमार वेरका, चेयरमैन वेयर हाउव कारपोरेशन पंजाब लोग भी रहें जागरूक, व्यर्थ न बहाएं पानी : मेयर
नगर निगम द्वारा पानी वेस्ट न करने को लेकर लोगों को जागरूक करने के प्रयास लगातार चलते रहे हैं। सरकार के नोटिफिकेशन के बाद अधिकारियों के साथ एक बैठक हो चुकी है। आदेशों के बाद वर्किंग-डे कम थे, इसलिए टीमों का गठन नहीं हो सका। जल्द ही इसे लेकर टीमों का गठन भी कर दिया जाएगा और फील्ड में भी सभी सक्रिय दिखेंगे। लोगों से भी अपील है कि वह पानी व्यर्थ न बहाएं।
-कर्मजीत सिंह रिटू, मेयर