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बजट चुनावी.. न इंड्रस्टी को राहत, न ही मिडिल क्लास को

केंद्र सरकार का आम बजट सिर्फ और सिर्फ चुनावी बजट है। न इसमें इंड्रस्टी को कोई राहत दी गई है और न ही मिडिल क्लास को।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Feb 2018 03:17 AM (IST)Updated: Fri, 02 Feb 2018 03:17 AM (IST)
बजट चुनावी.. न इंड्रस्टी को राहत, न ही मिडिल क्लास को
बजट चुनावी.. न इंड्रस्टी को राहत, न ही मिडिल क्लास को

विपिन कुमार राणा, अमृतसर : केंद्र सरकार का आम बजट सिर्फ और सिर्फ चुनावी बजट है। न इसमें इंड्रस्टी को कोई राहत दी गई है और न ही मिडिल क्लास को। उल्टा सरकार का बजट मिडिल क्लास और उद्योगपतियों की परेशानी बढ़ाने का सबब बनेगा। बजट में मिडिल क्लास इंकम टैक्स में राहत देख रहा था, तो इंड्रस्टीलिस्टों को उम्मीद थी कि माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजिज (एमएसएमई) को बड़ी राहत जरूरी मिलेगी, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।

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दैनिक जागरण ने बजट पर शहर के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ बातचीत की और उनकी बजट की डिस्कशन का हम हिस्सा बने। पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रधान प्यारे लाल सेठ ने कहा कि केंद्र सरकार के बजट से टैक्सटाइल इंड्रस्टी राहत ढूंढ रही थी, पर ऐसा नहीं हुआ। टैक्सटाइल इंड्रस्टी के लिए 7143 करोड़ का प्रावधान तो किया गया है, पर इसमें अभी कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह किस काम के लिए है। देश की टैक्सटाइल इंड्रस्टी के लिए बंगलादेश चुनौती बना हुआ है। वहां से ड्यूटी फ्री माल आने से इंड्रस्टी तबाह हो रही है। बजट में उम्मीद थी कि वहां लग रही इंड्रस्टी पर एंटी डं¨पग ड्यूटी लगाई जाएगी, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। टैक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दीपक खन्ना, महासचिव राजीव खन्ना, कोषाध्यक्ष विनोद सेठ, नवल कुमार, राजेश मेहरा ने कहा कि इंड्रस्टी लोन महंगा करने से भी इंड्रस्टी प्रभावित होगी। चाइना में इंड्रस्टी लोन पर 6 प्रतिशत और यूरोप में अढ़ाई से तीन फीसद ब्याज है, पर हमारे यहां यह दस से बारह फीसद तक है। ऐसे में 12 लाख एनपी केस बैंकों के खड़े हैं। सरकार को इन्हें निपटाने के लिए इंड्रस्टी लोन कम करना चाहिए था, पर ऐसा न होने से इंड्रस्टीलिस्ट खुद को ठगा महसूस कर रहे है।

एमएसएमई को कोई फायदा नहीं

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के जयदीप ¨सह मक्कड़, हरीश बुलानी, मुनीश अग्रवाल, धीरज धीर, महंत लाल पिशौरी ने कहा कि सरकार ने सालाना 250 करोड़ की टर्नओवर वाली कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स 25 प्रतिशत किया है, इससे भी बड़ी कंपनियों को ही लाभ मिलेगा। पहले 50 करोड़ तक यह टैक्स था। अब इस दायरे में देश की 90 फीसद इंड्रस्टी आ जाएगी। पहले बड़ी कंपनियों को 30 फीसद टैक्स देना पड़ता था। ऐसे में इस राहत का लाभ भी बढ़ी इंड्रस्ट्री को ही मिलेगा।

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कोट्स...

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50 करोड़ से कम वालों को राहत नहीं : डालमिया

बजट में सरकार ने 250 करोड़ से उपर की टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 फीसद कारपोरेट टैक्स लगाते हुए बड़ी कंपनियों को तो राहत दे दी है, परंतु छोटे कंपनियों को भी इसी कैटेगरी में रखते हुए उनके समक्ष चुनौती खड़ी कर दी है। उन्हें भी कारपोरेट टैक्स में राहत दी जानी चाहिए थी ओर 50 करोड़ से कम वाली कंपनियों को 20 फीसद टैक्स लगाना चाहिए था।

—कमल डालमिया, चेयरमैन फोकल प्वाइंट इंड्रस्टी एसोसिएशन

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बजट से मिडिल क्लास हताश : जैन

बजट 2018 में मध्यम वर्ग व्यापारी के लिए इंकम टैक्स स्लैब में राहत न मिलने से वह निराश है। वित्तमंत्री द्वारा इंकम टैक्स कलेक्शन से 90 हजार करोड़ की बढ़ोतरी की बात कही गई, परंतु राहत के नाम पर मध्यम वर्ग व्यापारी को सरकार ने राहत नहीं दी। मध्यम वर्ग को इस बजट में दरकिनार करते हुए सेस को 3 से 4 फीसद करना भी आपत्तिजनक है। सरकार का जब डिरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़ रहा है, तो सेस नहीं बढ़ाना चाहिए।

—समीर जैन, महासचिव पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल।

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घोषणाएं अभी तक पूरी नहीं : कपूर

बजट में देश के व्यापारियों के लिए कुछ भी नहीं है। सरकार ने यद्यपि किसानों को राहत दी है, पर पिछले बजट की घोषणाएं अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जरूर कार्य किया गया है। महंगाई को देखते हुए देश की जनता को इंकम टैक्स में छूट बढ़ने की आशा थी जिसे पूरा नहीं किया गया है। इससे सरकार को चुनाव में वोट का लाभ मिल सकता है। ऐसे क्षेत्रों को छोड़कर सरकार ने सभी क्षेत्रों को निराश किया है।

—अनिल कपूर, प्रधान डिस्ट्रिब्यूटर एसोसिएशन।

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ऑनलाइन लोन की सुविधा : मित्तल

छोटी इंडस्ट्री के लिए ऑनलाइन लोन की सहूलियत का प्रावधान करते हुए सरकार ने उन्हें राहत देने का काम किया है। सरकार की कैश फ्लो की दिक्कत खत्म करने के लिए योजना, उम्मीद है उससे भी इंड्रस्टी को राहत मिलेगी। इसके अलावा मुद्रा योजना में 4.6 लाख करोड़ के 10.3 लाख लोगों को लोन दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। बजट ज्यादा चुनावी है, इसमें कोई बड़ी राहत नहीं दी गई है।

—योगेश मित्तल, कारोबारी

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मध्य वर्गीय व्यापारी को राहत नहीं : सचदेवा

सरकार ने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल व सांसदों के वेतन और भत्तों को बढ़ाने का प्रावधान बजट में किया है, पर मध्यम वर्ग व्यापारी को राहत देने के नाम पर बजट में कुछ नहीं है। सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में, 10 करोड़ परिवारों के लिए स्वास्थ्य बीमा का प्रावधान अच्छी बात है।

—ह¨रदर सचदेवा, कारोबारी

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मध्यवर्गीय आय पर प्रहार : शर्मा

बजट में 10 फीसद लॉंग टर्म कैपिटल गैन (एलटीसीजी) टैक्स का प्रावधान रखा गया है, इससे मध्यम वर्ग की आय पर सीधा प्रहार होगा। चुनाव सिर पर होने की वजह से बजट पूरी तरह से संतुलित है। इसमें न तो कोई बड़ी घोषणाएं की गई है और सबकुछ को खुश करने का प्रयास किया गया है।

—अविनाश शर्मा, उद्योगपति।

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सैलरी क्लास को राहत : मदान

इंकम टैक्स छूट सीमा में कोई बदलाव नहीं किया है। स्डैंडर्ड डिडक्शन की शुरुआत फिर से करके सैलरी वाले लोगों को थोड़ी राहत जरूर दी है। स्डैंडर्ड डिडक्शन के तहत 40 हजार रुपये की छूट मिलेगी। यानी जितनी सैलरी पर टैक्स बनेगा, उसमें से 40 हजार घटाकर टैक्स देना होगा।

—अमित मदान, कारोबारी


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