डायर के क्रूर कृत्य को देख सिहर उठे दर्शक
संकरी गली से गुजरकर जलियांवाला बाग में दाखिल होने वाला डायर सैनिकों को गन संभालने के साथ ही फायर का आदेश देता है तो सैकडों निर्दोष जान बचाने के लिए इधर उधर भागना शुरू कर देते हैं।
संवाद सहयोगी अमृतसर : क्रूर डायर के खूनी पदचाप। संकरी गली से गुजरकर जलियांवाला बाग में दाखिल होने वाला डायर सैनिकों को गन संभालने के साथ ही फायर का आदेश देता है तो सैकडों निर्दोष जान बचाने के लिए इधर उधर भागना शुरू कर देते हैं। कुछ जान बचाने के लिए कुएं में कूदते है पर वहां भी मौत नसीब होती है। जब फायरिग बंद होती है तो हर तरफ लाशों का अंबार। देखने वाले की रूह कांप जाए। खूनी डायर के वहां से जाने के बाद परिजन सदस्यों को ढूंढने के लिए जुटते हैं और हर तरफ चीख पुकार मच जाता है। मौका था जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर माधव विद्या निकेतन स्कूल रंजीत एवेन्यू में आयोजित जलियांवाला बाग नरसंहार नाटक मंचन का। विद्यार्थियों ने लाजवाब अदाकारी से हर किसी को कायल बना लिया। इसके बाद अंतर विद्यालय भाषण प्रतियोगिता हुई। इसका विषय जलियांवाला बाग हत्याकांड था। इसमें अमृतसर के 20 विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि डिप्टी जिला शिक्षा अधिकारी हरभगवंत सिंह व विशेष अतिथि दैनिक जागरण अमृतसर के चीफ रिपोर्टर विपिण कुमार राणा थे। सरूप रानी सरकारी कॉलेज की प्रो. रुपिदर कौर और प्रो. खुशपाल संधू ने निर्णायक की भूमिका निभाई।
अर्पिता के भाषण ने पाया पहला स्थान
भाषण प्रतियोगिता में माधव विद्या निकेतन स्कूल की अर्पिता ने प्रथम, खुशी द्वितीय और अजंता पब्लिक स्कूल की पारूल आनंद ने तृतीय स्थान हासिल किया। गर्व वर्मा होली हार्ट प्रेजीडेंसी स्कूल के विद्यार्थी ने प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त किया।
जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहित किया
मुख्यातिथि उप जिला शिक्षा अधिकारी हरभगवंत सिंह ने विद्यार्थियों को शहीद ऊधम सिंह का उदाहरण देते हुए असंख्य शहीदों के बलिदान से मिली आजादी को सहेज कर रखते हुए एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम का मकसद शूरवीरों की वीरता से परिचित कराना
माधव विद्या निकेतन स्कूल के वाइस प्रधान अरुण मेहरा ने कहा कि जलियांवाला बाग नरसंहार के बारे में प्रोग्राम करवाने का उद्देश्य विद्यार्थियों को बताना है कि हमें आजादी कितनी कुर्बानियों के बाद नसीब हुई है। विद्यार्थी अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद रखे।