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लोगों को कम मिल रही गेहूं, डीसी के पास पहुंची शिकायत

पंजाब सरकार चाहे लोगों को गेहूं पूरा दिलवाने का दम भर रही है लेकिन सचाई इससे हटकर है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Aug 2022 09:19 PM (IST)Updated: Mon, 22 Aug 2022 09:19 PM (IST)
लोगों को कम मिल रही गेहूं, डीसी के पास पहुंची शिकायत
लोगों को कम मिल रही गेहूं, डीसी के पास पहुंची शिकायत

जागरण संवाददाता, अमृतसर:

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पंजाब सरकार चाहे लोगों को गेहूं पूरा दिलवाने का दम भर रही है, लेकिन सच्चाई इससे हटकर है। सभी डिपो होल्डर नीले कार्डधारकों को गेहूं कम दे रहे है और बहाना लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से गरीब कल्याण योजना के तहत सरकारी गेहूं 11 प्रतिशत कट लगकर आई है, यानी हर डिपो होल्डर या तो नीले कार्ड धारकों को गेहूं कम दे रहा है या कई नीले कार्डधारकों को इस गेहूं से वंचित होना पड़ रहा है।

जिले में ही हजारों परिवार ऐसे है, जिन्हें कम गेहूं दी गई है। डिप्टी कमिश्नर हरप्रीत सिंह सूदन विभाग के साथ बैठकें करके निर्देश दे चुके हैं कि लोगों को सरकारी गेहूं पूरा दिया जाए, इसके बावजूद विभाग के इंस्पेक्टरों और डिपो होल्डरों पर कोई असर नहीं हो रहा। फिलहाल इस मामले में डिप्टी कमिश्नर हरप्रीत सिंह सूदन के पास शिकायत करके जांच करवाने की मांग की गई है। दूसरी तरफ केंद्र सवाल यह उठता है कि सरकार की तरफ से अगर गेहूं में 11 प्रतिशत कट लगकर आया भी है तो वह कुल नीले कार्ड धारकों का आया होगा, क्योंकि केंद्र सरकार टोटल गेहूं भेजता है, न कि अलग-अलग डिपो होल्डरों को और डिपो होल्डर हर नीले कार्डधारकों को यही तर्क देते हुए दिखाई दे रहे हैं कि उन्हें 11 प्रतिशत गेहूं कम आया है। अप्रैल से सितंबर तक बांटा जा रहा है गेहूं

केंद्र सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत छह महीने का सरकारी गेहूं भेजा गया है। अप्रैल से सितंबर 2022 तक यह एलोकेशन आई है, जिसे अभी भी बांटने का काम चल रहा है। इसे 30 सितंबर तक बांटने का लक्ष्य रखा गया है। जिले में 3 लाख 71 हजार 81 नीले कार्ड धारक हैं। अभी तक जिले में 71.83 प्रतिशत लोगों को सरकारी गेहूं लिफ्टिग की जा चुकी है। प्रति मैंबर 30 किलो के हिसाब से यह गेहूं दी जानी है, जोकि डिपो होल्डरों की तरफ से दो से तीन किलो गेहूं प्रति मैंबर के हिसाब से कम दी जा रही है। मामले की जांच हो तो कई राज उजागर होंगे : संजीव कुमार

अंबेदकर समाज दल के पंजाब प्रधान संजीव कुमार ने इसकी शिकायत डिप्टी कमिश्नर हरप्रीत सिंह सदन को की है। उन्होंने आरोप लगाया कि फूड सप्लाई विभाग के कुछ अधिकारी सरकारी गेहूं में गोलमाल कर रहे हैं। उनके पास कई लोगों की शिकायते आ रही है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की जांच की जाए और जो भी लोग इसमें दोषी पाए जाते है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। केंद्र ने ही 11 प्रतिशत गेहूं कम भेजी है : डीएफएससी

डिस्ट्रिक फूड सप्लाई कंट्रोलर संयोजिगता का कहना है कि केंद्र सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सरकारी गेहूं 11 प्रतिशत कम भेजी गई है, इसलिए लोगों को डिपो होल्डरों की तरफ से गेहूं कम दी जा रही है। उन्होंने लोगो से अपील की है कि इस समय डिपो होल्डरों की तरफ से जितनी भी गेहूं दी जा रही है, उसी से संतुष्टि करे।


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