दबाव में है टैक्सटाइल और वीविग निटिग उद्योग : मेहरा
नाइलोन का धागा बनाने वाली नामी कंपनियां एंटी डंपिग ड्यूटी के नाम पर शोषण करती हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : नाइलोन का धागा बनाने वाली नामी कंपनियां एंटी डंपिग ड्यूटी के नाम पर शोषण करती हैं। सरकार की निटिग उद्योग प्रति जीएसटी की नीति भी ठीक नहीं। सरकार तो पहले ही उद्योगपति से पांच फीसद जीएसटी ले लेती है। कई बार कुछ व्यापारी जब यह टैक्स उन्हें नहीं देते तो लोकल अदालत में जाना पड़ता है। द अमृतसर वार्प निटिग एसोसिएशन के प्रधान अजय मेहरा ने बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि निटिग उद्योग को पेश आने वाली मुश्किलों से राहत के लिए जल्द ही राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक को ज्ञापन देंगे।
उन्होंने कहा कि नाइलोन का धागा बनाने वाले देश में 8/10 युनिट ही हैं। धागे पर एंटी डंपिग ड्यूटी लगा कर टैक्सटाइन निटिग और वीविग उद्योगों को प्रभावित करते हैं। एंटी डंपिग ड्यूटी से बचने के लिए कुछ लोग बंगलादेश के रास्ते कारोबार करते हैं। क्योंकि केंद्र सरकार ने बंगलादेश को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दे रखा है। नाइलोन धागा इंपोर्ट से जुड़े कुछ घराने बंगलादेश रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। इसके चलते बंगलादेश रास्ते कपड़े की तस्करी बढ़ी है। निटिग यूनिट चीन या अन्य देशों के निटिग उद्योगों के साथ मुकाबला नहीं कर पाते। इस लिए यह ड्यूटी धागे पर नहीं बल्कि तैयार कपड़े पर लगाई जानी चाहिए। जीएसटी के लिए अलग से थाना व कोर्ट के गठन की मांग एसोसिएशन प्रधान अजय मेहरा ने कहा कि सरकार तो पहले ही उनके जीएसटी ले लेती है। कई बार उद्योगपति उन्हें यह टैक्स नहीं देते। इस बाबत सरकार के पास जाने पर उन्हें लोकल अदालत का सहारा लेने को कहा जाता है। सरकार को जीएसटी के लिए अलग से थाना और अलग से ही अदालत का गठन करना चाहिए, क्योंकि लोकल अदालतों पर तो पहले से ही बड़ा बोझ है और वहां केसों के निपटारे होने में 15 से 20 साल तक लग जाते हैं। यूनिटों को अच्छी क्वालिटी का नाइलोन धागा उपलब्ध कराया जाए एसोसिएशन के महासचिव अतुल अग्रवाल ने कहा कि नीटिग और वीविग उद्योग को अपग्रेड करने के लिए मेक इन इंडिया इनीशिएटिव के तहत उद्योगपतियों ने आधुनिक मशीनरी खरीदी। ऐसे यूनिटों को अब अच्छी क्वालिटी और सस्ते रेटों पर नाइलोन धागा उपलब्ध करवाया जाना समय की सबसे बड़ी जरूरत है। इस मौके पर एसोसिएशन के उप प्रधान गोविद बांसल, खजांची चरणजीत अग्नीहोत्री, सुरिदर कुमार और सौरभ तालवाड़ आदि भी उपस्थित थे।
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