ट्रक आपरेटरों की हड़ताल खत्म, आइसीपी पर भारत-पाक व्यापार फिर शुरू
ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल खत्म होने के बाद अटारी आइसीपी पर भारत-पाकिस्तान के बीच फिर से ट्रकों की आवाजाही शुरू हो गई है।
जेएनएन, अमृतसर। इंटेग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) अटारी पर ट्रक आपरेटरों की हड़ताल आल इंडिया ट्रक आपरेटर यूनियन के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के साथ हुई बैठकों के बाद खत्म हो गई। अटारी बार्डर ट्रक यूनियन के अमरजीत सिंह, प्रितपाल सिंह सिद्धू, रेशन सिंह ढिल्लों, कुलविंदर सिंह संधू, सुबेग सिंह रणिके, अमृत दीप सिंह, परविंदर सिंह संधू और हरपाल सिंह चीमा ने बीती रात ही ट्रक आपरेटरों संग बैठक कर उन्हें शनिवार से आइसीपी अटारी पर रोजाना की तरह ट्रकों में माल भरने को कहा।
ट्रक यूनियन के अमरजीत सिंह ने बताया कि आज सुबह 8 बजे आइसीपी अटारी पर रोजाना की तरह ट्रकों का प्रवेश शुरू हो गया। पाकिस्तान की तरफ से अजवायन का 1, एल्यूमिनियम के 11, सीमेंट के 29, ड्राई डेट के 15, ड्राई फ्रूट, गुगल, मुंडल का 1-1 ट्रक और जिप्सम के 13 ट्रकों सहित कुल 88 ट्रक भेजे गए। वहीं भारत की ओर से काटन के 6 ट्रक पाकिस्तान भेजे गए। उन्होंने बताया कि आइसीपी अटारी से माल भरने के बाद देर सायं ट्रकों का निकलना जारी रहा।
इंडो-पाक कारोबार से जुड़े आयातकों को लैंडपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया (एलपीएआइ) ने इस बार डेमरेज (पेनल्टी) से राहत दे दी है। शनिवार को नई दिल्ली से यहां पहुंचे लैंडपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया के आपरेशनल डायरेक्टर प्रशांत कुमार मिश्रा ने भारत के आयातकों एमपीएस चट्ठा, प्रदीप सहगल, विक्रांत अरोड़ा और राजदीप उप्पल आदि के साथ बैठक में इसकी घोषणा की। एमपीएस चट्ठा ने बैठक में मिश्रा से डेमरेज नहीं लिए जाने की अपील की थी।
यह पहली बार है कि ट्रक आपरेटरों की हड़ताल के कारण कारोबारियों को पडऩे वाली डेमरेज माफ की गई है। इस मौके पर चट्ठा ने पूर्व के समय में भी कुलियों या ट्रक आपरेटरों की हड़ताल के चलते कारोबारियों से ली गई डेमरेज को रिफंड किए जाने की बात कही तो एलपीएआइ के आपरेशनल डायरेक्टर ने इस पर विचार कर कारोबारियों को कुछ न कुछ राहत देने का भरोसा दिलाया।
सीडब्ल्यूसी और कस्टम कमिश्नर ने भी की थी सिफारिश
सेंट्रल वेयर हाउसिंग कारपोरेशन (सीडब्ल्यूसी) और कस्टम कमिश्नर दीपक कुमार गुप्ता ने भी इससे पहले एलपीएआइ को सिफारिश की थी कि ट्रक आपरेटरों की हड़ताल के चलते कारोबारियों का काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में इनकी डेमरेज माफ कर दी जाए। माफ की गई डेमरेज 10 से 15 लाख रुपये के बीच बनती है। अकेले सीमेंट कारोबारियों को ही लिया जाए तो उन्हें कम से कम 6 से 7 लाख रुपये डेमरेज के विभाग को देने पड़ते।