तरसिक्का स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टरों व स्टाफ की चालाकी, एक दिन पहले हाजिरी लगा अगले दिन नहीं आए
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के आदेश को कुछ सरकारी डाक्टर व हेल्थ स्टाफ धता बता रहे हैं।
जासं, अमृतसर: मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के आदेश को कुछ सरकारी डाक्टर व हेल्थ स्टाफ धता बता रहे हैं। वे सुबह आठ बजे ड्यूटी पर पहुंचने के बावजूद लेट ही नहीं, बल्कि चालाकी पर उतर आए हैं। डा. चरणजीत ने शनिवार को जिले के पांच स्वास्थ्य केंद्रों में प्रोग्राम आफिसरों की टीमें भेजीं। तरसिक्का में सुबह आठ बजे पहुंची टीम ने हाजिरी रजिस्टर देखा तो दो डाक्टरों, दो फार्मासिस्टों व एक स्टाफ नर्स की हाजिरी दर्ज थी। ये कर्मी सेहत केंद्र में पहुंचे ही नहीं थे। जांच में उजागर हुआ कि इन्होंने शुक्रवार को ड्यूटी आफ करने के बाद शनिवार की हाजिरी पंच कर दी थी। शनिवार को आए नहीं और रविवार को सरकारी अवकाश है। यानी दो दिनों तक वीकेंड का मजा लेने की तैयारी थी। इसके अलावा आधे से ज्यादा स्टाफ समय पर ड्यूटी नहीं पहुंचा। सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह ने इन कर्मचारियों पर कार्रवाई की बात कही है। नारायणगढ़ में आठ कर्मी गायब मिले, मानांवाला, मेहता और वेरका में आए लेट
वहीं नारायणगढ़ स्थित अर्बन प्राइमरी हेल्थ सेंटर में सुबह आठ बजे तक आठ स्वास्थ्य कर्मी नहीं पहुंचे थे। टीम के आने की जानकारी मिलने पर घरों से निकलकर केंद्र में हड़बड़ी में आए। इसी प्रकार मानांवाला स्थित स्वास्थ्य केंद्रों, मेहता स्थित स्वास्थ्य केंद्र व वेरका में भी कई स्टाफ मेंबर समयबद्ध नहीं थे। सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों व कर्मचारियों को समयबद्ध करने का मकसद पूरा करने को सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह जुट गए हैं। अब नियममित रूप से होगी जांच: सिविल सर्जन
शनिवार को सिविल सर्जन कार्यालय में अवकाश होता है, पर सरकारी स्वास्थ्य केंद्र खुले रहते हैं। सिविल सर्जन ने कहा कि जो कर्मचारी सरकारी आदेश का पालन नहीं कर रहे उनके खिलाफ कार्रवाई तय है। हम नियमित रूप से स्वास्थ्य केंद्रों में हाजिरी की जांच करेंगे। मेरे सहित सिविल सर्जन कार्यालय के प्रोग्राम आफिसर अवकाश के दिनों में काम कर रहे हैं तो स्टाफ ड्यूटी से कैसे भाग सकता है। इसलिए होता है बायोमैट्रिक मशीन का विरोध
डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मी हमेशा ही बायोमैट्रिक सिस्टम का विरोध करते रहे हैं। सिविल अस्पताल व गुरुनानक देव असपताल में तीन वर्ष पूर्व इंस्टाल की गई बायोमीट्रिक मशीन का स्टाफ ने विरोध किया था। जब स्वास्थ्य विभाग ने इनकी नहीं सुनी तो कुछ दिनों बाद बायोमीट्रिक मशीनें खराब हो गईं। यह जांच का विषय था कि मशीनें खराब हुईं या फिर की गईं। लेटलतीफ 96 निगम कर्मियों से मंगलवार तक मांगा जवाब
इससे पहले नगर निगम में भी दो दिन पहले 96 अधिकारी और कर्मचारी गैरहाजिर पाए गए थे। इन सभी को नोटिस जारी किया गया है। उनसे मंगलवार तक जवाब मांगा गया है। इनमें सबसे अधिक प्रापर्टी टैक्स विभाग के 32 अधिकारी व कर्मचारी गायब मिले थे।