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गोल्डन गेट से पहले एलिवेटेड रोड पर शहर में एंट्री का बोर्ड न होने से हो रहे हादसे

अमृतसर शहर में प्रवेश करते ही गोल्डन गेट के पास एलिवेटेड रोड पर अकसर हादसे हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 12:54 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 06:10 AM (IST)
गोल्डन गेट से पहले एलिवेटेड रोड पर शहर में एंट्री का बोर्ड न होने से हो रहे हादसे
गोल्डन गेट से पहले एलिवेटेड रोड पर शहर में एंट्री का बोर्ड न होने से हो रहे हादसे

अमनदीप सिंह, अमृतसर : अमृतसर शहर में प्रवेश करते ही गोल्डन गेट के पास एलिवेटेड रोड पर अकसर हादसे हो रहे हैं। कारण, यहां ट्रैफिक सिग्नल लाइट्स खराब पड़ी हैं। साथ ही रात के समय स्ट्रीट लाइट भी नहीं जलतीं, जिस कारण हादसे हो रहे हैं। जालंधर की ओर से आने वाले लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है, क्योंकि जिला प्रशासन ने यहां से मुड़ने के लिए कोई भी साइन बोर्ड नहीं लगाया है।

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दरअसल, एलिवेटेड रोड सीधा बाईपास की ओर मुड़ता है। हैवी वाहन एलिवेटेड रोड के ऊपर प्रवेश तो करते हैं, लेकिन जो लोग अमृतसर शहर में जाना चाहते हैं उनको बाईपास घूमना पड़ता है। इस पुल के कारण लोगों को घूम कर फिर आगे से टर्न करके अमृतसर में प्रवेश करना पड़ता है। इसकारण टूरिस्ट और बाहर से आने वाले लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। चौक में स्ट्रीट लाइटें और ट्रैफिक सिग्नल लाइट्स पूरी तरह से बंद हैं। इस कारण हादसे तो होते ही हैं, साथ ही हैवी वाहनों का आवागमन होने के कारण थोड़ी-थोड़ी देर में रोड पर जाम की स्थिति बन जाती है। पुल चढ़ने से पहले लगाए जाएं साइन बोर्ड

गुरदीप सिंह टाईलां वाले ने बताया कि एक तो एलिवेटेड रोड के कारण गोल्डन गेट दिखता ही नहीं है। वहीं जीटी रोड से आने वाले लोग जब अमृतसर में जाना चाहते हैं तो रात के समय में एलिवेटेड रोड के ऊपर चढ़ जाते हैं। बाद में उन्हें बाईपास पर घूमना पड़ता है। बाईपास के दूसरे हिस्सों से होते हुए वे शहर में प्रवेश करते हैं। इसका मुख्य कारण वहां पर कोई भी साइन बोर्ड का न होना भी है। अगर प्रशासन की ओर से पुल चढ़ने से पहले साइन बोर्ड लगा दिए जाएं तो काफी राहत मिल सकती है। रात के समय में बंद रहती हैं स्ट्रीट लाइटें

गुरमित्र पाल सिंह ने बताया कि इस एलिवेटेड रोड पर स्ट्रीट लाइट होने के बावजूद भी ज्यादातर बंद ही रहती हैं। इस कारण रात के समय में हादसे ज्यादा होने लगते हैं। जीटी रोड होने के कारण हैवी वाहनों का आवागमन लगा रहता है। क्या जिला प्रशासन यहां पर लाइटें बंद रखकर बिजली बचाना चाहता है? अगर स्ट्रीट लाइटें लगाने से किसी की जान बचती है, तो विभाग को इसमें परेशानी क्या है? लोगों की जान से कीमती क्या ट्रैफिक लाइटें हैं? लोगों की जान-माल की रक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन की ओर से रात के समय में स्ट्रीट लाइटें जलाना जरूरी रखें। ट्रैफिक सिग्नल लाइट चालू की जाए

बलदेव सिंह ने बताया कि इसी गोल्डन गेट चौक से बीआरटीएस बसें भी चलती हैं। यहां से बसें शुरू होकर पूरे शहर में घूमती हैं। यह रोड अक्सर जाम में फंसा रहता है। इसका मुख्य कारण एक यह है कि चौक में लगी ट्रैफिक सिग्नल लाइट्स नहीं जलती हैं। न ही पक्के तौर पर चौक में कोई पुलिसकर्मी तैनात रहता है। वाहनों की गति तेज होने के कारण अक्सर इस चौक में हादसे होते रहते हैं। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन लोगों की जान-माल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस चौक में पुलिस की गश्त बढ़ाए और ट्रैफिक सिग्नल लाइट्स को चालू करें।


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