रेलवे स्टेशन के बाहर लगने वाले जाम से जनता परेशान
। रेलवे स्टेशन के बाहर रोजाना लगने वाले जाम से शहर की जनता खासी परेशान है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : रेलवे स्टेशन के बाहर रोजाना लगने वाले जाम से शहर की जनता खासी परेशान है। वैसे तो यहां जाम के हालात सारा दिन रहते हैं, लेकिन जैसे ही ट्रेन जाने या फिर आने का समय होता है तो ऑटो रिक्शा वालों का जमावड़ा लग जाता है। कुछ सख्ती करने के बाद परिस्थितियां अनुकूल होती हैं, लेकिन पुलिस मुलाजिमों के जाते ही हालत फिर जस के तस हो जाते हैं।
कई बार तो रेलवे स्टेशन से भंडारी पुल और रेलवे स्टेशन से पुतलीघर तक जाने में 40 मिनट का समय लगता है। जबकि सामान्य तौर पर 13 से 17 मिनट लगते हैं। हालात यह हो गए हैं कि ट्रैफिक पुलिस ने इस मार्ग को सबसे ज्यादा व्यस्त घोषित करते हुए 40 से ज्यादा मुलाजिमों की ड्यूटी इस रूट पर लगा रखी है। जाम लगाने वाले ऑटो व बस चालकों को एक बार चेतावनी देने के बाद चालान कर दिया जाता है। एडीसीपी जसवंत कौर ने बताया कि आने वाले दिनों में इस मार्ग पर 50 मुलाजिमों को तैनात किया जा रहा है। ताकि ट्रैफिक जाम से लोगों को निजात दिलाई जा सके। 35 हजार ऑटो रिक्शा और
सैकड़ों बसें गुजरती हैं
रेलवे स्टेशन रोड शहर का सबसे व्यस्तम इलाका है। ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक रेलवे स्टेशन के बाहर से रोजाना करीब 35 हजार ऑटो रिक्शा निकलते हैं। इसी तरह सैकड़ों की तादाद में बसें भी यहां रुक कर सवारी उठाती हैं। बस अड्डा, हुसैनपुरा और हाल गेट के बाहर से ऑटो रिक्शा वालों का कारवां शुरू होता है और रात 12 बजे के बाद ट्रैफिक कम होता है। इसी तरह पुतलीघर, छेहरटा और इंडिया गेट से चलने वाले ऑटो रेलवे स्टेशन से होते हुए भंडारी पुल, हुसैनपुरा और बस अड्डा तक पहुंचते हैं। सवारी उठाने के चक्कर में लगता है जाम
रेलवे स्टेशन के बाहर ऑटो चालक सवारी उठाने के चक्कर में खड़े रहते हैं और पीछे से आने वाला ट्रैफिक इससे बाधित हो जाता है, जिस कारण कुछ ही पलों में लंबा जाम लग जाता है। अधिकांश ऑटो रिक्शा वाले रेलवे स्टेशन के बाहर काफी-काफी देर खड़े होकर सवारी का इंतजार करते रहते हैं इसलिए जाम के हालात बन जाते हैं। यही हाल निजी कंपनी के बस चालकों का है। ऑटो रिक्शा वालों को समस्या समझनी होगी : लवी शर्मा
लवी शर्मा ने बताया कि रेलवे स्टेशन के बाहर लगने वाले जाम से मुक्ति पाई जा सकती है। ट्रैफिक पुलिस को चाहिए कि वे ऑटो रिक्शा यूनियन के नेताओं से बैठक कर उनके सदस्यों को जागरूक करे। आटो रिक्शा वालों को बताया जाए कि उनके एक जगह पर रुक जाने से जाम के हालात बन जाते हैं और लोगों को परेशानी होती है। सख्ती करे ट्रैफिक पुलिस : कंवलजीत सिंह
कामरेड कंवलजीत सिंह ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस को चाहिए कि अगर कोई ऑटो रिक्शा चालक और बस चालक जाम के हालात पैदा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पुलिस को कम से कम उनका चालान जरूर करना चाहिए। जो ऑटो रिक्शा चालक आम जनता की मुश्किल को नहीं समझते, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। ऑटो रिक्शा वालों पर परमिट सिस्टम लागू हो : हरीश शर्मा
डॉ. हरीश शर्मा ने बताया कि वर्तमान में शहर में 70 हजार से ज्यादा आटो रिक्शा चल रहे हैं। सरकार को चाहिए कि ऑटो रिक्शा वालों के परमिट और रूट जारी होने चाहिए। जिन रूट पर ऑटो रिक्शा की संख्या ज्यादा है तो उनके रूट बदल देने चाहिए। इससे सड़क पर वाहनों की संख्या तो कम होगी ही जाम भी कम लगेंगे।
ज्यादातर के पास नहीं हैं ड्राइविग लाइसेंस : गुरप्रीत सिंह
गुरप्रीत सिंह ने बताया कि ज्यादातर ऑटो रिक्शा चालकों के पास ड्राइविग लाइसेंस ही नहीं हैं। कई लोग तो कार के लाइसेंस पर ही ऑटो रिक्शा चला कर पुलिस को गच्चा दे रहे हैं। पुलिस मुलाजिमों को भी ऑटो रिक्शा चालकों के ड्राइविग लाइसेंस चेक करने चाहिए। इससे कई ऑटो रिक्शा वालों के चालान काटे जा सकते हैं। नफरी बढ़ाई जा रही है, जाम हटेगा: एडीसीपी
एडीसीपी ट्रैफिक जसवंत कौर ने बताया कि आने वाले दिनों में पुतलीघर चौक से रेलवे स्टेशन और भंडारी पर तक के मार्ग पर नफरी बढ़ाई जा रही है। जाम लगाने वाले ऑटो रिक्शा वालों के चालान काटे जाएंगे।