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जेईई मेन्स : 99.8 पर्सेटाइल के साथ डीएवी का राघव खुल्लर जिले में टॉपर

जेईई मेन्स के घोषित किए गए परिणाम में डीएवी इंटरनेशनल स्कूल के छात्र राघव खुल्लर ने 99.8 पर्सेंटाइल के साथ जिले में टॉप किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 12:18 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 12:18 AM (IST)
जेईई मेन्स : 99.8 पर्सेटाइल के साथ डीएवी का राघव खुल्लर जिले में टॉपर
जेईई मेन्स : 99.8 पर्सेटाइल के साथ डीएवी का राघव खुल्लर जिले में टॉपर

अखिलेश सिंह यादव, अमृतसर

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संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन्स के घोषित किए गए परिणाम में डीएवी इंटरनेशनल स्कूल के छात्र राघव खुल्लर ने 99.8 पर्सेंटाइल के साथ जिले में टॉप किया है। भवन्स एसएल पब्लिक स्कूल के छात्र स्नेहल धवन 99.4 पर्सेंटाइल और सीनियर स्टडी-टू के छात्र हरआशीष सिंह ने 99.4 पर्सेंटाइल के साथ संयुक्त रूप से दूसरा स्थान अर्जित किया। वहीं तीसरा स्थान स्प्रिंग डेल स्कूल के छात्र अरहांत अरोड़ा को 99.53 पर्सेटाइल के साथ मिला।

रेगुलर स्टडी सफलता का मूल मंत्र : राघव

राघव खुल्लर के पिता अश्वनी कुमार लिबर्टी मार्केट में दुकान करते हैं। मां मीनू खुल्लर हाउस वाइफ हैं। भाई शिवम इंजीनियरिग देहरादून इंस्टीट्यूट से कर रहा है। राघव ने कहा-उसकी सफलता का मूल मंत्र रेगुलर स्टडी है। पेपर सॉल्व किए। उसके बाद जो नोट्स उपलब्ध करवाए गए, उस पर उसने निरंतर फोकस किया। अपने डाउट्स टीचर से बात कर क्लीयर किए। वह आइआईटी खड़गपुर में एडमिशन लेकर कंप्यूटर इंजीनियरिग में करियर बनाने का इच्छुक है।

क्वालिटी स्टडी को आधार बनाया : स्नेहल

स्नेहल धवन के पिता रबिदर धवन सरकारी सिविल अस्पताल में फार्मासिस्ट हैं। मां किरण धवन बीबीके डीएवी स्कूल में टीचर के रूप में कार्यरत हैं। बहन सिमरन धवन डाक्टर है। दूसरी बहन एलपीयू में प्रोफेसर है। स्नेहल ने बताया कि उसके परिजनों से उसे बहुत प्रेरणा मिलती है। यही प्रेरणा उसे ऊंचे मुकाम तक पहुंचाएंगी। क्वालिटी स्टडी पर उसने फोकस किया है। वह कंप्यूटर इंजीनियरिग करने का इच्छुक है। चाहता है कि किसी प्रतिष्ठित संस्थान में उसे दाखिला मिले। एनिमेशन के क्षेत्र में बनाऊंगा करियर : हरआशीष हरआशीष सिंह के पिता वरिदर सिंह तिम्मोवाल सरकारी स्कूल में प्रिसिपल हैं। मां सविदर कौर गुरु हरिकृष्ण स्कूल तरनतारन में इकोनामिक्स की अध्यापिका हैं। भाई सहजप्रीत एनआइआइटी जालंधर से इंजीनियरिग कर रहा है। वह एनिमेशन के क्षेत्र में कुछ करना चाहता है। इससे पहले कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिग करने का इच्छुक है। उसने बताया कि सफलता के लिए उसने कड़ी मेहनत की है, जिसका परिणाम उसे अब मिला है। आगे वह जेईई एडवांस की तैयारी में जुट गया है। परिजनों के पेशे से जुदा इंजीनियरिग बनेगा अरहांत अरहांत अरोड़ा ने बताया कि उसके पिता डॉ. सुमीत अरोड़ा और मां डॉ. भावना अरोड़ा हैं। वह इंजीनियरिग के क्षेत्र में जाना चाहता है। इसके लिए उसके माता पिता की पूरी सपोर्ट है। कंप्यूटर इंजीनियरिग करने की इच्छा है। भाई सिद्धांत एमबीबीएस कर रहा है। अरहांत ने बताया-चार घंटे इंस्टीट्यूट और तीन घंटे घर पर रेगुलर पढ़ता है। पढ़ाई के साथ-साथ उसे मूवी देखना भी पसंद है। दोस्तों के साथ समय भी बिताता हूं।


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