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कल टूट सकता है सिद्धू का 43 दिनों का मौन व्रत

। अपनी सिद्धूवाणी के लिए मशहूर पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पिछले 43 दिनों से मौन हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 01:09 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 01:09 AM (IST)
कल टूट सकता है सिद्धू का 43 दिनों का मौन व्रत
कल टूट सकता है सिद्धू का 43 दिनों का मौन व्रत

विपिन कुमार राणा, अमृतसर

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अपनी सिद्धूवाणी के लिए मशहूर पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पिछले 43 दिनों से मौन हैं। पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा और उसकी मंजूरी के बाद 21 जुलाई को सरकारी कोठी छोड़ने के बाद सिद्धू अमृतसर पहुंचे। ऐसे में क्यास लगाए जा रहे थे कि वह शहर पहुंचने पर उन्हें मिलने वालों का जमावड़ा लगेगा, मगर आज ऐसा कुछ नहीं रहा। सिद्धू से स्थानीय कांग्रेस का कोई कद्दावर लीडर मिलने नहीं आया। यहां तक की शहर के नेताओं ने भी उनसे दूर बनाए रखी। उनके विधानसभा हलके से कुछ पार्षद मिलने जरूर पहुंचे, पर उन्हें भी सिद्धू मिले नहीं।

रविवार शाम को सिद्धू पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू और बेटी राबिया सिद्धू के साथ गुरुनगरी होली सिटी स्थित अपनी कोठी पर पहुंचे थे। कोठी में दाखिल होते ही कोठी के तीनों गेट मीडिया के लिए बंद कर दिए गए थे। ऐसे में उम्मीद थी कि सोमवार सुबह वह मीडिया के रूबरू होंगे, पर ऐसा नहीं हुआ। सुबह से दोपहर तक कोठी में सन्नाटा छाया रहा। बाद दोपहर कोठी में ही बने हुए उनके विधानसभा हलके का कार्यालय खुला। डॉ. सिद्धू वहां कुछ समय के लिए बैठी। हलके के कुछ पार्षद और लुधियाना से आए समर्थक उनसे मिले, लेकिन मीडिया के लिए मुख्य द्वार ही बंद रखा गया और उन्हें अंदर दाखिल नहीं होने दिया गया। मीडिया ने कई बार आफिस में बातचीत के लिए मैसेज भेजा, पर अंदर से कोई जवाब नहीं आया। कार्यालय में गए समर्थकों से भी डॉ. सिद्धू मिली और उन्होंने उन्हें विश्वास दिलवाया कि दो दिनों में सिद्धू आपके रूबरू होंगे। समर्थकों ने अपना खुला समर्थन सिद्धू को देते हुए उनके स्टैंड की सराहना डा. सिद्धू के आगे की। छोटे-बड़े कांग्रेसी नेता रहे दूर सिद्धू की कांग्रेस में आमद टकसाली कांग्रेसियों को सुहाती नहीं रही है। नगर निगम चुनाव में सिद्धू द्वारा टकसाली कांग्रेसियों को दरकिनार कर अपने चहेतों को टिकट दिलवाने के बाद से ही उनका विरोध शुरू हो गया। कैप्टन-सिद्धू विवाद के बीच अमृतसर पहुंचे सिद्धू से छोटे-बड़े कांग्रेसी दूर रहे। कैप्टन समर्थक कैबिनेट मंत्री सुखविदर सिंह सुखसरकारिया व ओम प्रकाश सोनी चाहे चंडीगढ़ में थे, पर उन्होंने फोन कर भी सिद्धू का हालचाल जानने की जहमत नहीं उठाई। जिला कांग्रेसी कमेटी की प्रधान जतिदर सोनिया द्वारा कांग्रेस भवन में रखे गए कार्यक्रम में मेयर कर्मजीत सिंह रिटू व नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन दिनेश बस्सी हाजिर रहे, लेकिन किसी ने सिद्धू का नाम तक लेना उचित नहीं समझा। सिद्धू के आते ही लगे विरोधी बस्सी के होर्डिग निगम चुनाव में सिद्धू ने नगर सुधार ट्रस्ट के नवनियुक्त चेयरमैन दिनेश बस्सी की टिकट कटवाकर अपने समर्थक जीत सिंह भाटिया को दिलवा दी थी। तब से ही बस्सी और उनके बीच छत्तीस का आंकड़ा चल रहा था। बस्सी की चेयरमैनी की राह में सिद्धू रोड़ा बने हुए थे। कैप्टन-सिद्धू विवाद में बस्सी की लाटरी लगी और उन्हें ट्रस्ट का चेयरमैन बना दिया गया। रविवार तक सिद्धू के निवास वाली होली सिटी पर कोई होर्डिंग बोर्ड नहीं लगा हुआ था। कल सिद्धू के आमद के बाद होली सिटी के मुख्य गेट व अंदर दाखिल होते ही दाई तरफ बस्सी समर्थकों ने उनके होर्डिंग लगा दिए।


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