पर्यावरण की सुरक्षा को कानून बनाकर करना होगा लागू : मिर्जा
अमृतसर फिक्की फ्लो अमृतसर ने एक अहम अभियान की शुरू करते हुए संस्था ने शहरवासियों का ध्यान प्रकृति की तरफ आकर्षित किया है ताकि लोग प्राकृति को समझें और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाएं क्योंकि हम सब प्रकृति का हिस्सा हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : फिक्की फ्लो अमृतसर ने एक अहम अभियान की शुरू करते हुए संस्था ने शहरवासियों का ध्यान प्रकृति की तरफ आकर्षित किया है, ताकि लोग प्राकृति को समझें और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाएं, क्योंकि हम सब प्रकृति का हिस्सा हैं। अमृतसर में आकर फिक्की फ्लो के कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य और खुशी के पल हैं कि अमृतसर आकर लोगों को पर्यावरण की संभाल संबंधी जागरूक करने का अवसर मिला है। यह विचार सोमवार को स्वच्छ भारत के युवा आधारित कार्यक्रम स्वच्छ साथी की ब्रांड एंबेसेडर व बॉलीवुड अदाकारा दीया मिर्जा ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई पहलों में स्वच्छ भारत सबसे महत्वपूर्ण पहल है और उनका मानना है कि स्वच्छ साथी कार्यक्रम हमारे पर्यावरण को स्वच्छ रखने व युवाओं और देशवासियों को इस संबंधी जागरूक करने में बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। फिक्की फ्लो अमृतसर की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि जब औरत बदलती है, तो परिवार बदलता है और जब परिवार बदलता है, तो देश बदलता है।
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हवा के प्रदूषण से जूझ रहे देश के 14 शहर
बॉलीवुड अदाकारा दीया मिर्जा का कहना है कि जिस तरह से हम प्रकृति को नष्ट करते जा रहे हैं, उसकी वजह से हमारा स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है, उसमें चाहे हम प्रदूषित हवा की बात करें, जिसकी वजह से विश्व भर में 10 में से 9 लोग हवा के प्रदूषण से पीड़ित हैं और विश्व स्तर के 20 शहरों में से 14 शहर भारत के हैं, जोकि हवा के प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कानून बनाकर करना होगा।
दीया मिर्जा ने प्लास्टिक से बचने का बताया नुक्ता
सबसे पहले परिवार में कोई खुशी का अवसर होता है, तो एक पेड़ लगाया जाता है, ताकि प्रकृति को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए सिगल यूज प्लास्टिक का ही इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि वह खुद भी पानी वाली प्लास्टिक की बोतल लेने की बजाय अपनी तांबे की बोतल में पानी पीना अच्छा समझती हैं। घरों में कूड़े-कर्कट से से फैलने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए भी सूखे व गीले कूड़े-कर्कट को अलग-अलग रखना चाहिए। ब्रश की जगह पर नीम की दातुन के साथ भी अपने दांत साफ कर सकते हैं।
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बचपन में किराए पर साइकिल लेकर चलाती थी
काफिर फिल्म संबंधी पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए दीया मिर्जा ने कहा कि इंसान काफिर बन गया है। इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं है। वर्तमान समय में चल रही 21वीं शताब्दी में भी हम एक-दूसरे को मजहब, जात-पात और सीमाओं के नाम पर अलग करते हैं, जबकि सभी के सुख-दुख एक ही तरह के हैं। प्रकृति किसी चीज को अलग नहीं समझती, जो सभी को एक ही नजर में देखती है। दीया मिर्जा ने बताया कि उन्हें याद है कि बचपन में वह एक रुपया खर्च करके एक घंटे के लिए वह किराये पर साइकिल लेकर चलाया करती थी, जिसकी वजह से उन्हें कई बार घुटनों पर चोट भी लगी थी।
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