अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कुदरती स्रोतों पर होना होगा निर्भर : प्रो. घुम्मन
अमृतसर अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए हमें अपने कुदरती स्रोतों पर निर्भर रहना होगा।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए हमें अपने कुदरती स्रोतों पर निर्भर रहना होगा। ज्यादा से ज्यादा खेती आधारित उत्पादों का प्रयोग करना होगा, ताकि जिस लक्ष्य को हम लेकर चल रहे हैं, उसे पूरा किया जा सके और अर्थव्यवस्था पहले से बेहतर हो सके। ये बात प्रो. रणजीत सिंह घुम्मन ने कही। वे शुक्रवार को गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के पंजाब स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स द्वारा करवाए गए भारतीय अर्थव्यवस्था भूत, वर्तमान और भविष्य विषय पर सेमिनार में विशेष तौर पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि आमदनी और रोजगार की कर्मी के कारण अर्थव्यवस्था का विकास रूका हुआ है। इस तरह की मंदी भारतीय अर्थव्यवस्था में पहले से किए गए विकास के कारण है। इसके लिए सरकार को अर्थव्यवस्था में निवेश, खपत और रोजगार को उत्साहित करने के लिए मुख्य भूमिका निभानी होगी। जो कारपोरेट के मुनाफे को बढ़ाकर और मांग को उत्साहित करेगी। सेमिनार में मौजूद विद्यार्थियों ने प्रो. घुम्मन से अर्थव्यवस्था संबंधी सवाल भी किए और इस दौरान आने वाले उतार-चढ़ाव, विदेशी मुद्रा, विदेशी अर्थव्यवस्था सहित कई अन्य बातों के बारे में भी जानकारी हासिल की। इस अवसर पर डॉ. कुलदीप कौर, प्रो. नीना ने भी अपने-अपने विचार पेश किए।