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होम क्वारंटाइन मरीजों को 'स्विश किचन होम' भेज रहा टिफिन

बीएससी इन कलनरी की डिग्री करके स्विश किचन होम के नाम पर आनलाइन फूड पहुंचाने का काम करने वाले भावीश सेठ मरीजों तक टिफिन पहुंचाने की सेवा निभा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 12:00 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 12:00 PM (IST)
होम क्वारंटाइन मरीजों को 'स्विश किचन होम' भेज रहा टिफिन
होम क्वारंटाइन मरीजों को 'स्विश किचन होम' भेज रहा टिफिन

जासं, अमृतसर: बीएससी इन कलनरी की डिग्री करके स्विश किचन होम के नाम पर आनलाइन फूड पहुंचाने का काम करने वाले भावीश सेठ कोविड-19 की महामारी में होम क्वारंटाइन व गुरु नानक देव अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों तक टिफिन पहुंचाने की सेवा निभा रहे हैं। भावीश ने बताया का साल-2021 में 23 अप्रैल को जरूरतमंद लोगों तक टिफिन में खाना पहुंचाने का काम शुरु किया था, जिसके तहत आज तक 800 लोगों तक टिफिन पहुंचाकर उनके दुख की घड़ी में साथ दे चुके हैं।

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उनकी टीम में उनका पूरा परिवार साथ देता है, जिसमें उनके पिता अमित सेठ और मां पूजा सेठ के साथ-साथ बहन व दादी भी उनके इस काम में सहयोग कर रहे हैं। पहले दो-तीन सप्ताह उनके परिवार ने ही अपनी जेब से खर्च करके खाना बनाकर लोगों तक पहुंचाया था, मगर अब धीरे-धीरे लोग उनके साथ मिल रहे हैं, जोकि उनकी टिफिन सेवा को बढ़ावा दे रहे हैं। इनमें डा. रमन चतर्थ की मुस्कान फाउंडेशन का विशेष सहयोग है। भावीश सेठ ने बताया कि वह राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता हैं और उनकी टिफिन सेवा की तरफ सराहना हो रही है। आरएसएस से विभाग प्रचारक अक्षय, विशाल, रोहित, हिमांशु का भी उन्हें भरपूर सहयोग मिला है। डिग्री के बाद मुबंई में मिली थी नौकरी

पुणे स्थित सिबोयसिस स्कूल आफ कलनरी आ‌र्ट्स से बीएससी इन कलनरी की साल-2020 में अपनी डिग्री कंप्लीट करने के बाद जीटी रोड स्थित माडल टाउन निवासी भावीश सेठ का सपना था कि वह बतौर शेफ नौकरी करके अपने मां-बाप का हाथ बंटाना चाहते थे, जिसके तहत डिग्री कंप्लीट करने के बाद उन्हें मुबंई के एक बड़े होटल में नौकरी में मिल गई थी, मगर कोविड-19 काल की आहट होते हुए देश भर में लाकडाउन लगने की वजह से सारे कारोबार बंद होने की वजह से सारा साल घर में रहना पड़ा। अब लोगों की सेवा का बीड़ा उठाया

भावीश सेठ ने बताया कि जैसे ही साल-2020 खत्म हुआ, तो कोविड-19 के संक्रमण के केसों में भी गिरावट आना शुरू हो गया था और बस सोचा कि अब महामारी से पहले की तरह हालात हो जाएंगे, मगर एक व्यक्ति की सोच के मुताबिक जो मन की सोच थी, वो पूरी नहीं हो पाई, क्योंकि साल-2021 शुरु होने के बाद दोबारा फरवरी में संक्रमण के केस बढ़ने शुरू हो गए और सरकार ने नाइट क‌र्फ्यू शुरू किया, जिसके बाद वीकएंड लाकडाउन लगाकर सरकार ने हालातों पर काबू पाने की कोशिश की और अब हालात सबके सामने हैं। इसी बीच उन्होंने अब लोगों की सेवा का बीड़ा उठाया है।


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