93 करोड़ से बने लघु सचिवालय की दूसरी और तीसरी मंजिल पर पेयजल ही नहीं
93 करोड़ से बने लघु सचिवालय की दूसरी और तीसरी मंजिल पर पेयजल की सुविधा ही नहीं है।
जागरण संवादताता, अमृतसर: एक ही छत के नीचे सभी सरकारी दफ्तरों की सुविधाएं लोगों को देने के मकसद से 93 करोड़ रुपये की लागत के साथ लघु सचिवालय का निर्माण तो कर दिया गया, लेकिन यहां की दूसरी और तीसरी मंजिल पर पीने वाली पानी की सुविधा ही नहीं है। इससे यहां आने वाले लोगों को ही नहीं बल्कि स्टाफ को भी परेशान होना पड़ रहा है। उन्हें पीने वाला पानी दो मंजिलें उतर कर ग्राउंड फ्लोर से पीना पड़ रहा है या फिर उन्हें वाटर कूलर में पानी भरकर ऊपर लेकर आना पड़ रहा है। दूसरी मंजिल पर डिस्ट्रिक चाइल्ड प्रोटेक्शन, डिस्ट्रिक पब्लिक रिलेशन आफिसर, जुवेनाइल कोर्ट और यूथ सर्विस असिस्टेंट डायरेक्टर का दफ्तर हैं। इसके अलावा तीसरी मंजिल पर भाषा अफसर और लेबर विभाग का दफ्तर हाल ही में शिफ्ट किया गया है।
दरअसल, कांग्रेस सरकार के दौरान हेरिटेज लुक में तैयार किए गए लघु सचिवालय का शुभारंभ 24 मार्च 2021 को किया गया था। आधे अधूरे बनाए गए लघु सचिवालय का पूर्व मंत्री ने उद्घाटन करके इसमें कई सरकारी दफ्तरों को शिफ्ट करवा दिया। इसकी कई डेडलाइन निकल चुकी हैं, लेकिन काम अभी तक पूरा नहीं हो सका। अभी भी दूसरी और तीसरी मंजिल पर काम चल रहा है।
डिस्ट्रिक पब्लिक रिलेशन विभाग के एपीआरओ योगेश शर्मा का कहना है कि भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए वह दफ्तर में कूलर तो वह ले आए हैं, लेकिन अब यह परेशानी है कि उसमें पानी किस तरह से भरा जाए, क्योंकि दूसरी मंजिल पर पानी की पाइपलाइन नहीं है। पीने वाला पानी भी उन्हें नीचे जाकर लेकर आना पड़ता है। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की है कि इस इमारत का काम जल्द निपटा कर वहां पर हर सुविधाएं सरकारी कर्मचारियों को दी जाएं। नए दफ्तरों में एसी नहीं, कूलर लगाए तो पानी की परेशानी
लघु सचिवालय में धीरे-धीरे दफ्तर शिफ्ट किए जा रहे है। यहां पर शिफ्ट किए गए उक्त विभाग के दफ्तरों में एयर कंडीशनर लगाने की कोई सुविधा नहीं है। गर्मी में राहत पाने के लिए अगर स्टाफ कूलर भी लगाना चाहता है तो उन्हें पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। कूलर में पानी भरने के लिए उन्हें कई-कई चक्कर ग्राउंड फ्लोर पर लगाने पड़ेंगे। तीसरी मंजिल पर लेबर का दफ्तर, लेबर हो रही परेशान
तीसरी मंजिल पर लेबर विभाग का दफ्तर शिफ्ट किया गया है। यहां पर रोजाना ही भारी संख्या में लेबर पहुंचती है। लेबर दफ्तर पहुंचे सुरेश यादव का कहना था कि बड़ी मुश्किल के साथ वह इस दफ्तर में पहुंचे, लेकिन ऊपर पेयजल ही नहीं मिला। प्रशासन के बड़े अधिकारियों के यहां दफ्तर तो बनाए हैं पर पानी की मूलभूत सुविधा ही नहीं दी गई है। प्रशासन को इसका हल करना चाहिए।
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अभी ईमारत का काम चल रहा है। दूसरी और तीसरी मंजिल पर पानी नहीं है, यह उन्हें नहीं पता था। वह इस समस्या का हल जल्द करवाएंगे, ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।
-हरप्रीत सिंह सूदन, डिप्टी कमिश्नर