पराली को जलाने से रोकने के लिए चेकिंग अभियान शुरू
अमृतसर में धान की खेती की कटाई शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : अमृतसर में धान की खेती की कटाई शुरू हो गई है। किसान इस बार पराली को आग न लगाए इसके लिए जिला प्रशासन ने सख्त प्रबंध कर लिए है। ब्लॉक व गांव स्तर पर कमेटियां गठित कर दी गई है। जांच अधिकारियों की ओर से पुलिस की मदद से गांवों में छापामारी शुरू कर दी गई है। सरकार के आदेशों पर पराली जलाने वाले किसानों के चलान काटकर उनसे जुर्माने वसूले जाएंगे। वहीं उनके रेवेन्यू रिकार्ड में लाल सियाही से एंट्री होगी। इससे सरकार की ओर से किसान को मिलने वाली सुविधाएं भी खत्म कर दी जाएंगी।
डीसी गुरप्रीत सिंह खैहरा द्वारा शनिवार को अधिकारियों के साथ पराली जलाने में मुद्दे पर की गई बैठक के बाद प्रशासन के अधिकारी सरगर्म हो गए है। एडीएम स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में गांव-गांव टीमों ने चेकिग शुरू कर दी है। इन टीमों में एसडीएम, तहसीलदार, कानूगो, पटवारी , कृषि अधिकारियों, पुलिस, जीओजी और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों को शामिल किया गया है। सरकार के आदेशों पर रविवार को गांव बेला मंझपुर, वडाला खुर्द, खियाला, सोहियां खुर्द, मद्दीयां, वेरका, पंडोरी, मजीठा, नाग कलां, आदि में चेकिंग की गई।
जिला मुख्य कृषि अधिकारी जीएस बल ने बताया कि विभाग की सहायता से बेलर की सुविधा किसानों को दी गई है। इस मशीन की सहायता से पराली के रोल बना कर पराली को इकट्ठा रखा जा सकता है। इन पराली के रोल तैयार करने के लिए एक हजार रुपये किसानों से प्रति एकड़ के हिसाब से लिए जा रहे है। इन पराली के रोल को गुज्जर समुदाय अपने पशुओं के चारे के लिए 1700 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से खरीद रहे है।