डॉ. सुजाता के खिलाफ चेयरपर्सन ने सीएम व सेक्रेट्री को लिखा पत्र
। पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने सरकारी मेडिकल कॉलेज की प्रिसिपल डॉ. सुजाता शर्मा को पदमुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री एवं मेडिकल शिक्षा तथा खोज विभाग के सचिव को पत्र लिखा है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने सरकारी मेडिकल कॉलेज की प्रिसिपल डॉ. सुजाता शर्मा को पदमुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री एवं मेडिकल शिक्षा तथा खोज विभाग के सचिव को पत्र लिखा है। मनीषा गुलाटी ने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि डॉ. सुजाता शर्मा मेडिकल कॉलेज में महिला यौन उत्पीड़न के मामलों को दबाने में लगी हैं। उन्होंने ऐसे मामलों की जांच के लिए जो सेक्सुअल ह्रासमेंट कमेटी का गठन किया है, वह नियमानुसार नहीं है।
दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए मनीषा गुलाटी ने कहा कि डॉ. सुजाता शर्मा से उनकी व्यक्तिगत रंजिश नहीं है। मैं सिर्फ इतना चाहती कि सभी सरकारी अधिकारी अपने-अपने संस्थान में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें। यदि महिलाओं से यौन उत्पीड़न होता है तो इसकी निष्पक्ष जांच की जाए और संबंधित आरोपित के खिलाफ सख्त एक्शन हो। डॉ. सुजाता शर्मा ने प्रिसिपल के पद पर रहते हुए सेक्सुअल ह्रासमेंट कमेटी बनाई, उसमें छह डॉक्टर शामिल हैं, जबकि चार लोग बाहर के। इन बाहरी लोगों में से दो तो निजी शिक्षण संस्थानों का संचालन कर रहे हैं। ये लोग अपना शिक्षण संस्थान देखेंगे या मेडिकल कॉलेज में घटित यौन उत्पीड़न की घटनाओं की जांच करेंगे। इस कमेटी में नियमानुसार सामाजिक कार्यकर्ता भी होना चाहिए, जिसे मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शामिल नहीं किया।
मनीषा गुलाटी ने कहा कि महिला आयोग का गठन महिलाओं की सुरक्षा के किया गया है। आयोग के अधिकारी किसी भी समय बिना बताए किसी भी सरकारी विभाग में जाकर यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच कर सकते हैं। यदि संस्थान के मुखी आयोग के नियमों को नजरअंदाज कर काम करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए सरकार को भी लिखा जाएगा। प्रिसिपल डॉ. सुजाता शर्मा को मैंने 9 सितंबर को आयोग के चंडीगढ़ स्थित कार्यालय में प्रस्तुत होने के आदेश दिए हैं। मैंने आज ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह तथा मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के सचिव डीके तिवारी को पत्र लिखकर डॉ. सुजाता को प्रिसिपल पद से हटाने को कहा है।
यहां उल्लेख करना जरूरी है कि पिछले सप्ताह मनीषा गुलाटी ने मेडिकल कॉलेज में आकर यौन उत्पीड़न के दो मामलों की जांच की थी। इस दौरान कॉलेज द्वारा गठित की गई सेक्सुअल ह्रासमेंट कमेटी में शामिल सदस्यों के नाम देखकर मनीषा गुलाटी ने असंतोष व्यक्त किया और यह सूची फाड़ दी थी। उन्होंने साफ कहा था कि डॉ. सुजाता शर्मा ने सैक्सुअल ह्रासमेंट कमेटी का गठन नियमानुसार नहीं किया, इसलिए उन्हें पद पर बने रहने का अधिकार नहीं।
दूसरी तरफ मनीषा गुलाटी की इस कार्रवाई के बाद मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. सुजाता शर्मा के पक्ष में उतर आए। प्रोफेसरों ने साफ किया है कि यदि डॉ. सुजाता शर्मा पर कार्रवाइ हुई तो सभी प्रोफेसर अपने पद से इस्तीफा देंगे। इसी बीच डॉ. सुजाता शर्मा ने मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी से भी मुलाकात की थी। उन्होंने मंत्री से कहा था कि जिस दिन मनीषा गुलाटी मेडिकल कॉलेज आईं, मैं विभागीय मीटिग के चलते चंडीगढ़ में थी।
छेड़छाड़ के आरोपित पर कार्रवाई के लिए लिखा पत्र पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी की फटकार के बाद अब गुरु नानक देव अस्पताल प्रशासन ने भी छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में कड़ा नोटिस लिया है। अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जगदेव सिंह कुलार ने अस्पताल में कार्यरत बलविदर सिंह नामक कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के डायरेक्टर को पत्र लिखा है। बलविदर सिंह पर आरोप है कि उसने अस्पताल में डिप्लोमा कर रही एक छात्रा को वॉट्स पर मैसेज भेजकर आइ लाइक यू लिखा था। बलविदर सिंह ठेका प्रणली के तहत काम कर रहा है। विभाग ने पिछले सप्ताह उसे ईएनटी अस्पताल स्थानांतरित किया था। हालांकि मनीषा गुलाटी के सख्त तेवर के बाद अस्पताल प्रशासन ने अब उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा है।