श्रीराम व परशुराम के संवाद से रोमांच से भर उठे दर्शक
महाराजा जनक का सजा दरबार। सीता स्वयंवर के लिए महादेव का धनुष उठाने का प्रयास करते हुए अनेक राजागण।
संवाद सहयोगी, अमृतसर : महाराजा जनक का सजा दरबार। सीता स्वयंवर के लिए महादेव का धनुष उठाने का प्रयास करते हुए अनेक राजागण। ऋषि विश्वामित्र की आज्ञा से भगवान राम आराम से धनुष उठा कर उस पर प्रत्यंचा चढ़ाने की कोशिश करते है तो धनुष टूट जाता है। इतने में आसमान में बिजली कौंध उठती है और भगवान परशुराम प्रकट होते है और पूरा पंडाल शंखनाद से गूंज उठता है। भगवान राम व परशुराम का संवाद दर्शकों को रोमांच से भर देता है। मौका था श्री श्री 1008 निर्मले संत बाबा हर सिंह जी भौड़े वाले महाराज जी की गौशाला परिसर में आयोजित बाबा भौड़े वाला रामलीला क्लब की ओर से खेली जा रही रामलीला में सीता स्वयंवर प्रसंग के मंचन का।
शहीद मदन लाल ढींगरा यूथ क्लब के प्रधान सतीश पुंज ने कहा कि रामलीला का मंचन कर रहे कलाकार विरसे को लोगों के समक्ष रख रहे है। भगवान राम जी की शिक्षाओं पर चलना आज समय की जरूरत है। इस रामलीला में भगवान राम का किरदार गिफ्टी बग्गा, लक्ष्मण समीर पंडित, परशुराम सूरज वासदेव, जनक का रोल मोंटू, सीता का रोल अंकुश शर्मा, रावण का रोल विक्रमजीत ने निभाया। डायरेक्टर रितिक शर्मा, प्रधान समीर पंडित, सूरज योगी की अगवाई में कलाकारों की ओर से रामलीला का मंचन किया जा रहा है। इस मौके पर मनप्रीत मन्ना, धरमिंदर स्टेज सेक्रेटरी, वंश, रिदम भास्कर आदि मौजूद थे। वीरवार को भरत मिलाप प्रसंग का मंचन किया जाएगा।
इधर, श्रवण नाइट का किया मंचन
श्री राम लीला ड्रामेटिक क्लब की ओर से बटाला रोड में करवाई जा रही रामलीला में श्रवण नाइट का मंचन किय। श्रवण अपने माता पिता को तीर्थ यात्रा पर ले जा रहा है। तभी जंगल में शब्दभेदी बाण से श्रवण की मौत हो जाती है। अंधे माता पिता अपने बेटे को खोजते हुए जंगल में शव के पास पहुंचते है तो वहां पर राजा दशरथ को श्राप मिलता है। इस रामलीला में श्रवण की भूमिका बलजीत सिंह, श्रवण के माता पिता बलजिदर व एस सहोता, दशरथ का रोल अमित ने निभाया। वीरवार को राम जन्म प्रसंग का मंचन किया। एचएस भाला ने कहा कि रामलीला के प्रति लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। रात नौ बजे रामलीला का मंचन किया जाएगा।