आतंकी रणजीत का साथी गोपी मुक्तसर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार
स्टेट स्पेशल आपरेशन सेल (एसएसओसी) की टीम ने दो हैंड ग्रेनेड के साथ पकड़े गए आतंकी रणजीत सिंह के साथी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी को मुक्तसर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है।
नवीन राजपूत, अमृतसर: स्टेट स्पेशल आपरेशन सेल (एसएसओसी) की टीम ने दो हैंड ग्रेनेड के साथ पकड़े गए आतंकी रणजीत सिंह के साथी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी को मुक्तसर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपितों के संबंध तरनतारन से होने के कारण सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष कई राज सामने आए हैं। पता चला है कि रणजीत और गुरप्रीत के कुछ साथी पंजाब की कई जेलों में बंद रहकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के साथ ही नहीं बल्कि इंग्लैंड, कनाडा और अन्य देशों में बैठे खालिस्तानी आतंकियों के साथ संपर्क कर रहे हैं।
तरनतारन के सोहल गांव के रहने वाले आतंकी रणजीत सिंह और तरनतारन के जगतपुरा गांव के गुरप्रीत सिंह गोपी को सोमवार की शाम एसएसओसी ने कोर्ट में पेश किया है। कोर्ट ने रणजीत का एक दिन का पुलिस रिमांड बढ़ाया है जबकि गुरप्रीत सिंह को दो दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। गुरप्रीत सिंह को भी ग्रेनेड के साथ काबू किया गया था। आने वाले चुनाव में बड़े आतंकी हमले की थी तैयारी
पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि रणजीत सिंह और उसके साथी गुरप्रीत सिंह ने ज्वाइंट इंटेरोगेशन सेंटर (जेआइसी) में कई राज उगले हैं। हालांकि एसएसओसी के अधिकारी कुछ भी बताने से इन्कार कर रहे हैं। जांच टीम के एक अफसर ने बताया कि रणजीत आने वाले चुनाव में बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की फिराक में था। इसके लिए उसे इंग्लैंड से आदेश मिले थे। बस उसे लोकेशन और दिन बताना बाकी था। मान सिंह की भी हो सकती है गिरफ्तारी
ड्रोन से हथियार मंगवाने के मामले में खालिस्तानी आतंकी मान सिंह को भी पुलिस इस मामले में प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर चुकी है। मान सिंह ने फताहपुर जेल में रहते हुए मोबाइल के माध्यम से आइएसआइ के मार्फत साल 2020 में हथियारों की खेप मंगवाई थी। तीन टीमें कर रही जांच
आतंकी रणजीत सिंह और गुरप्रीत सिंह गोपी को लेकर माल मंडी के ज्वाइंट इंटेरोगेशन सेंटर में पंजाब पुलिस की तीन टीमें जांच कर रही हैं। दो टीमें रणजीत और गोपी के संपर्क खंगाल रही हैं जबकि एक टीम विदेश से होने वाली फंडिग और हवाला कारोबारियों का डाटा जुटा रही है। मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण देश की अन्य गुप्तचर एजेंसियां भी इस पर खबर ले रही हैं।