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कस्टमर हाय¨रग केंद्रों की जांच करने पहुंची भारत सरकार की टीम

अमृतसर : किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करने और पराली को जमीन में ही मिलाने के लिए जिले में हुए काम का जायजा लेने के लिए बुधवार को भारत सरकार की टीम ने दौरा किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 08:19 PM (IST)Updated: Thu, 22 Nov 2018 12:01 AM (IST)
कस्टमर हाय¨रग केंद्रों की जांच करने पहुंची भारत सरकार की टीम
कस्टमर हाय¨रग केंद्रों की जांच करने पहुंची भारत सरकार की टीम

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करने और पराली को जमीन में ही मिलाने के लिए जिले में हुए काम का जायजा लेने के लिए बुधवार को भारत सरकार की टीम ने दौरा किया। डिप्टी कमिश्नर (फसलें) डा. एमएन ¨सह खेती मशीनरी के विशेषज्ञ जीआर अंबालकर ने बुधवार को हर्षाछीना ब्लाक के तीन गांवों का दौरा कर कस्टमर हाय¨रग सेंटरों (केएचसी) को खेतीबाड़ी विभाग द्वारा सब्सिडी पर दी गई खेती मशीनरी की जांच की। इस मौके पर चीफ खेतीबाड़ी अधिकारी दलबीर ¨सह छीना और ब्लाक एग्रीकल्चर अधिकारी ज¨तदर ¨सह गिल भी उपस्थित थे।

भारत सरकार के डा. एमएन ¨सह व कृषि यंत्रों के विशेषज्ञ इंजीनियर जीआर अंबालकर हर्षा छीना ब्लाक के गांव संहसरा खुर्द के कस्टमर सेंटर में पहुंचे। जिले के चीफ खेतीबाड़ी अधिकारी छीना के साथ सेंटर की मशीनरी में इस्तेमाल किए गए कच्चे माल की क्वालिटी की जांच की। इसके बाद यह टीम नोडल अधिकारी म¨स्तदर ¨सह और एडीओ ज¨तदर ¨सह गिल के साथ इस टीम ने गांव कंधोवाली, जगदेव कलां और देर रात तक गांव छीना कर्म ¨सह के कस्टमर हाय¨रग मशीनरी केंद्र में खेती मशीनरी की जांच की। इससे पूर्व इस टीम ने गांव मल्लूनंगल गांव में एक किसान द्वारा व्यक्तिगत तौर पर खरीदी जीरो डिल ड्रिल मशीन की भी जांच की।

खेतीबाड़ी अधिकारी ने दी 27 कस्टमर हाय¨रग केंद्रों की लिस्ट

जिला के चीफ खेतीबाड़ी अधिकारी दलबीर ¨सह छीना ने डिप्टी कमिश्नर (फसलें) भारत सरकार डा. एमएन ¨सह को बताया कि जिला में 29 कस्टमर हाय¨रग केंद्र बना कर खेती संबंधी मशीनरी सब्सिडी पर दी। इनमें से 27 केंद्रों में 10 लाख रुपये से ज्यादा जबकि 2 केंद्रों में 21 लाख रुपये से लेकर 30 लाख रुपये कीमत तक की मशीनरी दी। इसके अलावा उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर किसानों द्वारा खरीदी गई मशीनरी का भी ब्योरा डा. ¨सह को दिया।

50 से 80 फीसद की सब्सिडी पर दी गई है मशीनरी

पराली को जलाने से रोकने को बनाए केएचसी नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल की हिदायतों के मुताबिक किसानों को पराली खेत में नहीं जलाने के लिए उत्साहित करने व उसे खेत की मिट्टी में ही मिलाने के लिए सरकार ने कई तरह की मशीनरी किसानों को मुहैया करवाई है। कुछ मशीनरी

कस्टमर हाय¨रग केंद्रों को 80 फीसदी सब्सिडी पर दी गई जबकि कुछ जगह बड़े किसानों को यह मशीनरी 50 फीसदी सब्सिडी पर दी गई। भारत सरकार की टीम खेतीबाड़ी विभाग द्वारा जिले में केएचसी और किसानों को मुहैया करवाई गई मशीनरी की जांच करने पहुंची है।

र¨वदर शर्मा


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