महिला वकील बोली- तांत्रिक ने सम्मोहित कर आश्रम में रखी हैं दो बहनें, करता है एेसा काम
तांत्रिक ने परिवार को जाल में फंसाया और उनकी तीन बेटियों को आश्रम में ले गया। इसके बाद वह उनका शारीरिक शोषण करने लगा।
जेएनएन, अमृतसर। परिवार विपत्ति में था तो एक तांत्रिक ने उनके कल्याण की बात कहकर परिवार को जाल में फंसा दिया। महिला वकील व उसकी दो बहनों को तांत्रिक ने अपने आश्रम में बुलाया और उन्हें सम्मोहित कर दिया। 2016 महिला वकील किसी तरह भाग निकली, लेकिन उसकी दोनों बहनें आने को राजी नहीं हैं। इस बारे में कंबो थाने में एफआइआर नंबर-115 दर्ज की गई थी। जिसे अब पुलिस ने खारिज करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है।
अदालत ने जब उन्हें इस बारे में पूछा तो उन्होंने पुलिस की याचिका का विरोध किया और अपने केस में दुष्कर्म के प्रयास की धारा जोड़ने की भी अपील की है। मामले की पैरवी कर रही वरिष्ठ अधिवक्ता नवजोत कौर चब्बा ने बताया कि इलाका मजिस्ट्रेट ने पुलिस को दोबारा जांच के आदेश दिए हैं।
अमृतसर देहाती के एक गांव की रहने वाली महिला वकील ने बताया कि साल 2012 में उनके घर मोगा के एक तांत्रिक ने आना शुरू किया। परिवार में वह तीनों बहनें और मां मानसिक तनाव से गुजर रही थीं। उस समय तांत्रिक ने परिवार को झांसा दिया कि उन पर किसी ऊपरी छाया का साया है। इसे दूर करने के नाम पर वह तीनों बहनों को मोगा स्थित अपने आश्रम में ले गया।
आरोपित कई बार उनके घर पर भी रहा। इस दौरान उसे तांत्रिक बाबा की नीयत पर संदेह होने लगा। उसने परिवार को जब इस बारे में बताया तो कोई सदस्य उसकी बात मानने को तैयार नहीं था। वह किसी तरह आश्रम से भाग गई। इसके बाद 18 जुलाई 2016 को तांत्रिक बाबा उसके घर पहुंचा और रात के समय उसके साथ अश्लील हरकतें करने लगा। इस बारे में उसके परिवार के सदस्यों को भी पता चल गया था।
पुलिस को शिकायत की गई तो कंबो थाने की पुलिस ने बाबा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। जब परिवार ने दोनों बेटियों (पीड़िता की बहनों) को बाबा के आश्रम से लाना चाहा तो वह आने को तैयार नहीं थीं। परिवार ने बताया कि वह कई बार दोनों बेटियों को मिल चुके हैं। आरोप है कि तांत्रिक ने दोनों बहनों को सम्मोहित कर रखा है, जिस कारण वह घर आने को तैयार नहीं हैं।
आइपीएस अधिकारी से जांच की मांग
पीडि़त महिला वकील ने बताया कि मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण बाबा और उसके सहयोगी उन पर समझौता करने के लिए दबाव बना रहे हैं। पीडि़ता ने मांग की है कि मामले की जांच अमृतसर देहाती से लेकर किसी अन्य जिले में तैनात आइपीएस अधिकारी से कराई जानी चाहिए, ताकि उन्हें इंसाफ मिल सके।