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अमृतसर एयरपोर्ट से फिर शुरू होगी मिडल ईस्ट के देशों के लिए सब्जियों की सप्लाई

अमृतसर एयरपोर्ट से एक बार फिर से मिडल ईस्ट के देशों में सब्जियों की सप्लाई शुरू होगी। यह सप्लाई 29 मई, 2014 से बंद थी

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 07:50 PM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 09:02 PM (IST)
अमृतसर एयरपोर्ट से फिर शुरू होगी मिडल ईस्ट के देशों के लिए सब्जियों की सप्लाई
अमृतसर एयरपोर्ट से फिर शुरू होगी मिडल ईस्ट के देशों के लिए सब्जियों की सप्लाई

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। अमृतसर एयरपोर्ट से एक बार फिर से मिडल ईस्ट के देशों में सब्जियों की सप्लाई शुरू होगी। यह सप्लाई 29 मई, 2014 से बंद थी, क्योंकि इन रूट्स पर चलने वाली कई उड़ानें बंद कर दी गई थीं। अमृतसर कार्गो को फिर से शुरू सब्जियों व फलों का निर्यात यदि फिर से शुरू होता है, तो इससे पंजाब को काफी लाभ होगा।

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अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर कमलजीत सिंह संघा की अगुवाई में दो दिन पहले मीटिंग हुई, जिसमें कार्गो को फिर से चलाने पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की सब्सिडरी एएआइसीएलएएस के सीईओ कीकू गजेधर भी शामिल हुए। डीसी संघा ने इसकी पुष्टि की है।

उन्होंने बताया कि पिछले दिनों सिविल एविएशन के सेक्रेटरी अमृतसर के दौरे पर आए थे, तो उन्होंने कारगो को फिर से चलाने के लिए चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह को कहा था। दो दिन पहले हमने नागरिक उड्डयन के नुमाइंदों के साथ मीटिंग की और जो भी दिक्कतें आ रही हैं। उन्हें दूर करने का उन्हें भरोसा दिलाया है।

इन सब्जियों की है मांग

मिडल ईस्ट के देशों में बेबी कॉर्न, मटर, भिंडी, हरी मिर्च, लौकी, आम, धनिया और करेला आदि की भारी मांग है। 2009-10 में तो केवल अमृतसर कार्गो से ही 908.11 मीट्रिक टन सब्जियां और फल निर्यात किए गए थे। इन सब्जियों की सबसे ज्यादा मांग लंदन में है जहां के लिए फ्लाइट बंद हो चुकी है।

बताया जाता है कि 29 अगस्त को फिर से मीटिंग रखी गई है, जिसमें सभी संबंधित एयरलाइंस जिनमें एयर इंडिया, तुर्केमेनिस्तान, उज्जबेकिस्तान, स्कॉट एयर, स्पाइस जेट, कतर एयर और मलिंड एयर को बुलाया गया है। सब्जियों को छोड़कर कई अन्य चीजों जिनमें रेडिमेट गार्मेट्स , इंजीनियरिंग टूल्स, खेलों का सामान, कपड़ा, स्नान गृहों में लगने वाला सामान, चमड़े का सामान यहां से जा रहा है। एक बार बकरियों का भी यहां से निर्यात किया गया।

सब्जियों का निर्यात

2006-07 में 107 टन, 07-08 में 278 टन, 09-2010 में सबसे ज्यादा 908.11 टन  जब 2014 में बंद हो हुआ तो उससे एक साल पहले तक 293 टन सब्जियां निर्यात की गईं। 29 मई 2014 के बाद से यह बंद ही हो गया। काबिले गौर है कि सब्जियों का निर्यात बंद होने से किसान फिर से धान की ओर मुड़ गए। कृषि विभाग के सूत्रों की माने तो पिछले चार साल में धान के अधीन रकबे में 3 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। अमृतसर के डीसी संघा ने कहा कि पंजाब में सब्जियों को निर्यात करने का बहुत स्कोप है। इससे जहां किसानों को धान के रकबे के अधीन निकाला जा सकेगा वहीं कैश क्रॉप के जरिए उनकी आमदनी को भी बढ़ाया जा सकेगा।

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