सुखबीर बोले- अकाली दल धर्मनिरपेक्षता में रखता है विश्वास, संघीय ढांचे लिए जारी रहेेेेगा संघर्ष
सुखबीर सिंह बादल ने कहा अकाली दल शुरू से ही धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखता रहा है। पार्टी कभी भी देश को एक धर्म व एक विचारधारा वाला देश स्वीकार करने की बात नहीं मान सकती।
जेएनएन, अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के एक बार फिर प्रधान चुने जाने के बाद सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि 2022 में पार्टी पंजाब में फिर सरकार बनाएगी और 30 साल तक सत्ता में बनी रहेगी। सुखबीर ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि अकाली दल टकसाली कांग्रेसियों के इशारों पर अकाली दल को कमजोर करने वाले साजिशकर्ताओं का ग्रुप है। पंथ व सिख संगत इन्हें नकार चुकी है। हम भविष्य में इतनी बड़ी लाइन खींच देंगे कि साजिशकर्ता यहां तक पहुंच ही नहीं पाएंगे।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी भारत के संघीय ढांचे के लिए संघर्ष जारी रखेगी। पार्टी ने इसके लिए 1962 में आवाज उठाई थी। अकाली दल शुरू से ही धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखता रहा है। पार्टी कभी भी देश को एक धर्म व एक विचारधारा वाला देश स्वीकार करने की बात नहीं मान सकती। अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए पार्टी हमेशा अपनी जंग जारी रखेगी। अकाली दल शहीदों की और देश की पुरानी पार्टियों में से एक है। वह सभी धर्मों को बराबर सम्मान देता है।
सुखबीर ने कहा कि दुनिया में जहां भी सिखों को मुश्किल आई अकाली दल ने आवाज उठाई। अफगानिस्तान में सिखों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ भी उसने ही आवाज उठाई है। नागरिकता संशोधन कानून में मुसलमानों को शामिल करने के लिए भी अकाली दल आवाज उठा रहा है। अल्पसंख्यकों के हकों की रक्षा के लिए वह हमेशा आवाज उठाता रहेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके अकाली दल के स्थापना दिवस पर पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने लिखा कि देश की पुरानी पार्टियों में से एक अकाली दल ने हमेशा समाज की सेवा की और लोगों के कल्याण के मुद्दे उठाए। भाजपा अपने सहयोगी अकाली दल पर गर्व करती है। यह गठबंधन सिर्फ सियासी नहीं है, बल्कि हमारी सरकार ने पंजाब में बहुत विकास किया है।
विरोधियों ने अलग मनाया स्थापना दिवस
अकाली दल बादल से नाराज अकाली नेताओं ने स्थापना दिवस अलग से मनाया। सभी ने बादल परिवार के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। इस कार्यक्रम में बादल के करीबी रहे राज्य सभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा, दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान मंजीत सिंह जीके व परमजीत सिंह सरना सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। जीके ने कहा कि दिल्ली में अब अकाली दल की राह मुश्किल कर देंगे। खास बात यह है कि जीके व सरना ने मंच साझा किया जबकि वे आपस में विरोधी रहे हैैं।
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