डीसी साहिब, कुछ तो करो ख्याल, गर्मी में नौनिहाल हो रहे बेहाल..
सरकारी स्कूल एक जून से खुल चुके हैं लेकिन भीषण गर्मी में बचों का स्कूल पहुंचना काफी परेशानी भरा है।
अखिलेश सिंह यादव, अमृतसर
'डीसी साहिब, बच्चों का कुछ तो ख्याल करें। सरकार से बात करके स्कूलों में गर्मी की छुंिट्टयां बढ़वाएं। भीषण गर्मी में बच्चों का बुरा हाल हो रहा है। स्कूल का समय कुछ घंटे कम करने से बात नहीं बनेगी। तापमान थोड़ा कम होने तक बच्चों को छुंिट्टयां की जाएं।' यह मांग भीषण गर्मी में बच्चों को स्कूल छोड़ने आए अभिभावकों ने कहा।
दरअसल गुरुनगरी में पारा 42 के पार चल रहा है। सरकारी स्कूल एक जून से खुल चुके हैं, लेकिन भीषण गर्मी में बच्चों का स्कूल पहुंचना काफी परेशानी भरा है। बढ़ते तापमान की तपिश को राजधानी दिल्ली व पड़ोसी राज्य हरियाणा ने महसूस किया है। बच्चों को गर्मी से राहत देने के लिए स्कूलों में छुट्टियां बढ़ा दी हैं, लेकिन पंजाब सरकार ने अभी तक ऐसी कोई घोषणा नहीं की। प्रचंड गर्मी से बेहाल पंजाब के सरकारी स्कूलों के बच्चों के प्रति सरकार उदासीन है। सीएम कैप्टन अमरिदर सिंह व शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिगला ने गर्मी को देखते हुए सरकारी स्कूलों का सिर्फ समय बदला है। समय बदलने से विद्यार्थियों को स्कूलों में गर्मी से राहत नही मिली है। सुबह सवेरे ही तीखी धूप का खौफ बच्चों के चेहरे पर छा जाता है। पसीने से तर-बतर होकर विद्यार्थी स्कूल पहुंच रहे हैं। भीषण गर्मी को देखते हुए एलीमेंट्री टीचर यूनियन के नेताओं ने स्कूलों में छुट्टियां बढ़ाने की मांग की थी। वहीं, पूर्व सेहत मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने भी बच्चों की परेशानी को समझ कर सरकार से अपील की थी कि वह स्कूलों में छुट्टियां बढ़ाएं।
पानी से बार-बार गला तर करते दिखे बच्चे
मंगलवार को सरकारी स्कूलों में बच्चे प्रचंड गर्मी में अपनी प्यास बुझाने के लिए अधिकतर समय पानी के नलों के आसपास बिता रहे थे। बोतलों में पानी भर कर जहां गला तर कर रहे थे, वहीं अपने चेहरे को ठंडा करने के लिए मुंह को भी धोते दिखाई दिए। माल रोड स्थित सरकारी कन्या सीसे स्कूल की छात्रा सरबजीत, प्रीति, सिमरन, हिमांशी व अनुष्का ने कहा कि गर्मी बहुत बढ़ गई है। सुबह स्कूल आते समय साढ़े सात बजे ही सूरज अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर देता है। छुट्टी के समय स्थिति और खराब हो जाती है। क्लासों में तो पंखे की हवा भी उन्हें नाकाफी प्रतीत हो रही है। पसीने से भीग कर वह घर पहुंचते हैं।
सिलेबस पीछे न छूट जाए, इसलिए स्कूल आना मजबूरी
तजिदर सिंह निवासी मीराकोट माल रोड सरकारी स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ने वाली अपनी बेटी हरलीन को लेने के लिए आए थे। उन्होंने कहा कि सिलेबस पीछे न छूट जाए इसलिए गर्मी में भी वह अपनी बेटी को स्कूल भेज रहे हैं। वह भरी दोपहर को अपनी बेटी को लेने के लिए रोजाना आ रहे हैं। काफी परेशानी होती है। अश्विनी कुमार निवासी संधू कालोनी बटाला रोड की बेटी स्तुति शर्मा भी माल रोड स्कूल में दसवीं कक्षा की छात्रा है। अश्वनी ने बताया कि दोपहर में तपिश बढ़ गई है। निजी स्कूलों ने तो छुट्टियां 15 जुलाई तक की है। लेकिन सरकारी स्कूल प्रचंड गर्मी में भी खुल रहे हैं। एसी कमरों में बैठने वाली सरकार को बच्चों के बारे कुछ सोचना चाहिए। अभिभावकों व विद्यार्थियों ने सरकार से गुहार की कि गर्मी को देखते हुए स्कूलों में छुट्टियां की जाएं।
हम सरकार के आदेशों का पालन करने को वचनबद्ध : डीईओ
डीईओ सेकेंडरी सलविदर सिंह समरा ने कहा कि उन्होंने स्कूल मुखियों को निर्देश दिए हैं कि बच्चों को कमरे में पंखों के नीचे बिठाया जाए। गरमी से बचाने की कोशिश की जाए। स्कूल में ठंडा पानी उपलब्ध करवाया जाए। सरकार के निर्देशों का पालन करने के लिए वह वचनबद्ध है।
गर्मी के कारण स्कूलों में हाजिरी काफी कम
माल रोड सरकारी ऐलीमेंट्री स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या नगण्य थी। कुल 182 विद्यार्थियों में सिर्फ 59 ही विद्यार्थी क्लासों में पहुंचे है। कम बच्चों को देखते हुए अध्यापक भी सिलेबस अभी पढ़ा नहीं रहे है।