भविष्यवाणी से परेशान युवती हुई तनावग्रस्त, नहर में कूदकर दी जान
भविष्यवाणी से परेशान एक युवती ने नहर में कूदकर खुदकशी कर ली। युवती गंडमूल में पैदा हुआ थी। इसके कारण किसी ने उसे तनाव में डाल दिया था।
जेएनएन, अमृतसर। पंडित की भविष्यवाणी से परेशान एक युवती ने सुल्तान विंड नहर में कूदकर जान दे दी। पुलिस और गोताखोरों की सहायता से बड़ी मुश्किल से वीरवार दोपहर तक शव को नहर में तलाशा जा सका।
पता चला है कि सिमरन कौर उर्फ शालू (21) गंडमूल नक्षत्र में पैदा हुई थी। उसकी शादी बार-बार टूट रही थी। बताया जा रहा है कि किसी पंडित ने उसे बताया था कि इस नक्षत्र में पैदा होने वाले लोग माता-पिता पर भारी रहते हैं और विवाह में भी बड़ी बाधा रहती है। फिलहाल सुल्तानविंड थाने की पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवा परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।
वेरका निवासी बलजीत सिंह ने बताया कि सुल्तानविंड गांव में हरभजन वाली गली निवासी लखविंदर सिंह और उसकी पत्नी पूजा उसके रिश्तेदार हैं। लखविंदर सिंह अपने बेटे अजय, आकाश, बेटी सिमरन और पत्नी को रिक्शा चलाकर पालन पोषण कर रहा था। परिवार में गरीबी होने के चलते लखविंदर ने बेटी सिमरन की शादी जल्द करनी चाही थी।
पिछले कुछ महीनों में दो बार रिश्ते हुए और किसी कारणवश टूट गए। इसी बात को लेकर सिमरन तनाव में रहने लगी। इस बीच सिमरन इलाके में रहने वाले किसी पंडित से मिली थी और उसे अपना टेवा दिखाया था। पुलिस के मुताबिक, संदिग्ध पंडित ने उसका टेवा देखकर गंडमूल दोष की बात कही थी। पंडित ने कहा कि वह गंडमूल नक्षत्र में पैदा हुई है, इसीलिए वह अपने माता-पिता पर भारी है। वह अपने माता-पिता की परेशानी की भी जिम्मेदार है। उसकी शादी में देरी का कारण भी गंडमूल हैं, अगर वह कर्मकांड के जरिए गंडमूल की पूजा करवा लेती है तो सारे मुश्किलें दूर हो जाएंगी।
इसी बात को लेकर सिमरन परेशान हो गई। उसने बुधवार की रात नहर में छलांग लगा दी। मौके पर मौजूद लोगों ने उसे देखा तो पुलिस को घटना की सूचना दी। आनन-फानन में गोताखोर बुलाए गए और वीरवार दोपहर तक शव पानी से बाहर निकाला जा सका।
मामले की जांच जारी
एएसआइ गुरबीर सिंह ने बताया कि पीड़ित परिवार के बयान दर्ज कर लिए हैं। मामले की जांच की जा रही है। तथ्य स्पष्ट होने के बाद मामला दर्ज कर लिया जाएगा।
क्या है गंडमूल नक्षत्र
पंडित विवेक शर्मा के मुताबिक गंडमूल बच्चे को जन्म से होता है। जन्म से 27वें दिन इसकी पूजा होनी होती है। इसके बाद पूजा का प्रावाधान नहीं है। यह दोष एक घर पर भारी हो सकता है। माता-पिता पर भारी और शादी में देरी की बात दकियानूसी है।
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