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'आयुष्मान' में फर्जीवाड़ा : आकाशदीप अस्पताल और संधू लाइफ केयर अस्पताल के डाक्टर आइएमए से निष्कासित

आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना में घपला करने वाले महानगर के पांच बड़े अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग व स्टेट हेल्थ एजेंसी ने योजना से हटा दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 05:30 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 05:30 AM (IST)
'आयुष्मान' में फर्जीवाड़ा : आकाशदीप अस्पताल और संधू लाइफ केयर अस्पताल के डाक्टर आइएमए से निष्कासित
'आयुष्मान' में फर्जीवाड़ा : आकाशदीप अस्पताल और संधू लाइफ केयर अस्पताल के डाक्टर आइएमए से निष्कासित

नितिन धीमान, अमृतसर

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आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना में घपला करने वाले महानगर के पांच बड़े अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग व स्टेट हेल्थ एजेंसी ने योजना से हटा दिया है। अब योजना से जुड़े जिले के सभी 87 निजी अस्पतालों की स्टेट हेल्थ एजेंसी नियमित रूप से जांच करेगी। साथ ही पिछले दो साल में यहां कितने मरीजों का उपचार हुआ, कितनी राशि का क्लेम लिया गया, डाक्टरों व मशीनरी की उपलब्धता की जानकारी जुटाएगी।

इसके अलावा सोमवार देर शाम को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने इस योजना से हटाए गए जिले के दो निजी अस्पतालों के डाक्टरों को आइएएम की सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। इनमें मजीठा रोड स्थित आकाशदीप अस्पताल के डाक्टर आशीष शर्मा व छेहरटा स्थित संधू लाइफ केयर अस्पताल के डाक्टर भूपिदर सिंह संधू शामिल हैं। सोमवार को आइएमए की अध्यक्ष डा. अमनदीप कौर की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। जांच पूरी होने तक डाक्टर आइएमए के सदस्य नहीं रहेंगे। डा. अमनदीप कौर ने कहा कि शेष तीन डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आइएमए के सदस्य जल्द ही डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपेंगे।

दूसरी तरफ मंगलवार को डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा डिस्ट्रिक्ट ग्रीविएंस कमेटी की बैठक करेंगे। इसमें भी इस आयुष्मान योजना में हुए घोटाले का मुद्दा छाया रहेगा। कुछ अस्पतालों ने योजना से हटाने को ठहराया गलत

वहीं इस मामले में कुछ अस्पताल संचालकों ने यह तर्क रखा है कि उन्हें योजना से हटाना उचित नहीं। इनमें एक अस्पताल संचालक का तर्क यह है कि उन पर यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने कार्ड धारक का डायलिसिस बाहर से करवाया। ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि उनके अस्पताल की डायलिसिस मशीन खराब हो गई थी। डायलिसिस का बिल स्टेट हेल्थ कमेटी को भेजा गया था। यदि यह गलत था तो यह बिल क्यों पास कर दिया गया। वहीं एक अन्य अस्पताल संचालक का कहना है कि उन्होंने जिस सर्जन का नाम योजना में दर्ज करवाया था, उसका करार खत्म हो चुका था। उन्होंने नया सर्जन हायर कर लिया था। ऐसे ही तर्को का निपटारा करने के लिए मंगलवार को डिप्टी कमिश्नर ने बैठक बुलाई है। विभाग के पास आई शिकायतें

आयुष्मान कार्ड दिखाने पर भी ट्रीटमेंट का लिया पैसा

शहर के कुछ निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड दिखाने पर भी मरीज से लाखों रुपये लिए गए हैं। कई अस्पताल तो इस कार्ड को देखकर ही आंखें बंद कर लेते हैं, यानी वे इस कार्ड पर मरीज का उपचार करने से इन्कार करते हैं। ऐसी कई शिकायतें डिप्टी मेडिकल कमिश्नर कार्यालय में पहुंची हैं। इनकी जांच अब स्टेट हेल्थ एजेंसी करेगी। सिविल सर्जन के अनुसार स्टेट कमेटी मंगलवार से अस्पतालों का निरीक्षण शुरू करने जा रही है। मानिटरिग में सामने आने वाली खामियों की बनाएंगे रिपोर्ट

सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह का कहना है कि स्टेट हेल्थ एजेंसी अब योजना में आने वाले सभी अस्पतालों की लगातार इंस्पेक्शन करेगी। स्टेट कमेटी के अधिकारी ही इन पांच अस्पतालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने संबंधी तय करेंगे। जिले में 87 निजी एवं 10 सरकारी अस्पताल आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना से जुड़े हैं। सोमवार को उन्होंने स्टेट कमेटी के अधिकारियों से बैठक कर गाइडलाइन जारी कर दी है। अस्पतालों के निरीक्षण के दौरान जो खामियां उजागर होंगी, उसकी फाइल तैयार कर स्वास्थ्य विभाग व स्टेट हेल्थ एजेंसी को भेजी जाएगी। सरकार जारी कर सकती है एफआइआर दर्ज करने का आदेश

एडवोकेट ललित ठाकुर का कहना है कि ऐसे मामलों में पंजाब सरकार ही पुलिस को एफआइआर करने का आदेश जारी कर सकती है। मामला लोगों की सेहत से जुड़ा है और इसमें बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। चूंकि मामले में शिकायतकर्ता नहीं है, इसलिए पंजाब सरकार स्वत: संज्ञान लेकर एफआइआर दर्ज करवाए।


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