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हेराफेरी रोकने के लिए अपने स्तर में बिलिंग शुरू करवा सकता है पावरकाम

जनवरी के बाद पावरकाम मैनेजमेंट अपने स्तर पर बिलिग का काम शुरू कर सकता है। इसमें बिलिग के लिए पावरकाम मैनेजमेंट पंजाब एक्स-सर्विसमैन कारपोरेशन (पेस्को) से कर्मचारी हायर करने की योजना चल रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 05:41 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 05:41 PM (IST)
हेराफेरी रोकने के लिए अपने स्तर में बिलिंग शुरू करवा सकता है पावरकाम
हेराफेरी रोकने के लिए अपने स्तर में बिलिंग शुरू करवा सकता है पावरकाम

जागरण संवाददाता, अमृतसर : जनवरी के बाद पावरकाम मैनेजमेंट अपने स्तर पर बिलिग का काम शुरू कर सकता है। इसमें बिलिग के लिए पावरकाम मैनेजमेंट पंजाब एक्स-सर्विसमैन कारपोरेशन (पेस्को) से कर्मचारी हायर करने की योजना चल रही है। बिलिंग में होने वाले घपले को रोकने के लिए यह कदम उठाने की प्लानिंग है।

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पावरकाम के बार्डर जोन की बात करें, तो पावरकाम मैनेजमेंट सिटी सर्किल की सिविल लाइंस डिवीजन से इन हाउस बिलिग का काम शुरू करवा सकता है, क्योंकि स्पाट बिलिग के मामले में बिजली के बिलों में पिछले समय में कई बार हेराफेरी उजागर हो चुकी है। इसके तहत पावरकाम में स्पाट बिलिग वाली कंपनी को नोटिस जारी होने के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा चुका है। सिटी सर्किल के साथ-साथ सब अर्बन सर्किल की ईस्ट डिवीजन में स्पाट बिलिग का काम चलता है और आधा दर्जन के करीब बिलिग में हेराफेरी के मामले सामने आ चुके हैं।

स्पाट बिलिग वाले कर्मचारी की हेराफेरी तब उजागर हुई, जब डी कोड का हवाला देकर बदले गए बिजली के मीटर की विभागीय मीटर इक्विपमेंट (एमई) लैब में जांच हुई। इसमें रीडिग में हेरफेर सामने आने पर विभाग को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उपभोक्ता व स्पाट बिलिग वाली कंपनी को जुर्माना ठोका जा चुका है। विभाग को होने वाले नुकसान को रोकने व उपभोक्ता बेहतर सेवा प्रदान करने के मकसद से पावरकाम मैनेजमेंट पेस्को के जरिए कर्मचारी हायर करके इन हाउस के तहत बिजली का काम करवाना चाहती है। अधिकार क्षेत्र में नहीं है मैनेजमेंट के फैसलों में आना

बार्डर जोन के चीफ इंजीनियर प्रदीप कुमार सैनी का कहना है कि पावरकाम मैनेजमेंट ने पिछले साल डाटा मांगा था। इसके तहत इन हाउस बिलिग करवाने की योजना चल रही थी, मगर पावरकाम मैनेजमेंट अपने फैसले को किस तरह से फाइनल करती है, उसके बारे में कुछ भी कहना हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।


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