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सौरभ मदान घर लौटा, बोला- मैडम सिद्धू व मेरा कुसूर नहीं, रेलवे और खुद लोग जिम्‍मेदार

अमृतसर में जिस दशहरा कार्यक्रम के दौरान हादसा हुआ था उसका अायोजक सौरभ मदान पांच दिन बाद घर वापस आया। मदान ने कहा, हादसे में उसका और नवजोत कौर सिद्धू का कुसूर नहीं है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 24 Oct 2018 09:31 AM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 09:31 AM (IST)
सौरभ मदान घर लौटा, बोला- मैडम सिद्धू व मेरा कुसूर नहीं, रेलवे और खुद लोग जिम्‍मेदार
सौरभ मदान घर लौटा, बोला- मैडम सिद्धू व मेरा कुसूर नहीं, रेलवे और खुद लोग जिम्‍मेदार

जेएनएन, जालंधर: अमृतसर ट्रेन हादसे के बाद भूमिगत चल रहे दशहरा कार्यक्रम के आयोजक सौरभ मदान (मिट्ठू) मंगलवार रात पांच दिन बाद सामने आया और मीडिया से बात की। मदान ने खुद को और नवजोत कौर सिद्धू को बेकुसूर बताया। उसने कहा, हादसे के लिए मैं अौर मैडम डॉ. नवजाेत कौर सिद्धू किसी भी तरीके से कुसूरवार नहीं हैं। इसमें रेलवे और लोगाें का खुद की गलती है। लोगों को खुद सोचना चाहिए कि कहां खड़ा हाेना है।

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हादसे के पांच दिन बाद सामने आए धोबीघाट दशहरा कार्यक्रम के आयोजक

बता देें कि जोड़ा फटक के पास जिस दशहरा कार्यक्रम के दौरान हादसा हुआ उसके आयोजक सौरव मदान उर्फ मिट्टू मदान आैर मुख्‍य अतिथि नवजोत कौर थीं। उन्होंने कहा, 'मैडम सिद्धू रावण दहन के बाद वहां से निकल गई थीं। वह लेट नहीं आई थीं। पांच-दस मिनट रुकीं और पुतले को आग लगने के बाद चली गईं। उनका कुसूर नहीं है।

मदान ने कहा कि लोगों को पता होना चाहिए कि उन्हें कहां खड़े होना है। हमने मैदान के बाहर कुर्सियां नहीं लगाई थीं। सब बाउंड्री के अंदर था। स्टेज से कई बार अनाउंसमेंट करवाई गई कि ट्रैक पर खड़े न हों। लोगों को अनाउंसमेंट के बाद ट्रैक से हटना चाहिए था। रेलवे ट्रैक की तरफ कोई एलसीडी स्क्रीन नहीं लगाई गई थी।

मदान ने कहा, 'मैं भागा नहीं था, बल्कि डर गया था। अमृतसर में ही था। मेरे परिवार को खतरा था। मैं हॉस्पिटल गया था, वहां भी लोग मुझे मारने के लिए भागे। घर पर भी हमला किया। मैंने मंच से भीड़ को नहीं उकसाया। सिद्धू पर मुझे बचाने या छिपाने के आरोप गलत है। क्या मेरा यह कुसूर है कि मैंने यह कार्यक्रम करवाया। क्या मैं गेटमैन हूं या ड्राइवर हूं।

नगर निगम से भी ली थी अनुमति

मदान ने निगम कमिश्नर सोनाली गिरी के इस दावे को भी गलत करार दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि निगम से कार्यक्रम की अनुमति नहीं ली गई थी। मदान कहा कि वह निगम कमिश्नर के पीए से मिले थे। निगम की अनुमति के बाद ही पानी का टैंकर और फायर टेंडर भेजा गया। पुलिस से भी अनुमति ली गई थी। रेलवे से अनुमति की जरूरत नहीं थी, क्योंकि कार्यक्रम रेलवे की जमीन पर नहीं हो रहा था।

पुलिस से मांगी सुरक्षा

मदान ने कहा कि वह बुधवार को पुलिस कमिश्नर से मिलेंगे। अस्पताल भी जाएंगे और मारे गए पीडि़तों के लोगों से भी मुलाकात करेंगे। पुलिस से सुरक्षा की माग की है, जिसके लिए पुलिस ने हामी भरी है। मैं पुलिस और लोगों की हर संभव मदद करूंगा। लोग ही मेरा परिवार हैं।


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