गरुबाणी व बाणे के साथ जुड़े सिख संगत : ज्ञानी जगातर ¨सह
अमृतसर : श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार ¨सह ने कहा कि सिख संगत को गुरबाणी और बाणा के साथ जुड़ कर सिख पंथ व कौम की चढ़दी कला के लिए दिन रात एक कर देना चाहिए। ज्ञानी जगतार ¨सह बंदीछोड़ दिवस के अवसर पर हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक होने के लिए आई संगत को संबोधित कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार ¨सह ने कहा कि सिख संगत को गुरबाणी और बाणा के साथ जुड़ कर सिख पंथ व कौम की चढ़दी कला के लिए दिन रात एक कर देना चाहिए। ज्ञानी जगतार ¨सह बंदीछोड़ दिवस के अवसर पर हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक होने के लिए आई संगत को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिख कौम के अंदर बंदी छोड़ दिवस का विशेष स्थान है।
तख्त केस गढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर ¨सह बंदी छोड़ दिवस पर सिख जगत व गुरु नानक नाम लेवा संगत को बधाई देते हुए कौमी एकजुटता की अपील की।
दमदमी टकसाल के मुखी बाबा हरनाम ¨सह धुम्मा ने संगत ने कहा कि बंदी छोड़ दिवस को सिख कौम खालसाई जलाल के साथ मनाती है। आज पंथ विरोधी शक्तियां सिख कौम को कमजोर करने की साजिशें कर रही हैं, जिससे सजग होना होगा। सिख कौम के इतिहास के साथ की जा रही छेड़छाड़ को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता। इस लिए संगत को इस तरह की साजिशों के खिलाफ एक जुट होना होगा। इस दौरान पंथ के कथा वाचक ज्ञानी रणजीत ¨सह ने अपने विचार पेश किए। स्टेज सचिव की जिम्मेवारी डा रूप ¨सह ने निभाई। इस अवसर पर एसजीपीसी के पदाधिकारी हरपाल ¨सह जल्ल, भगवंत ¨सह सियालका, गुरमीत सिह बूह, गु¨रदरपाल ¨सह गोरा, अजायब ¨सह, दिलजीत ¨सह बेदी, हरभजन ¨सह वक्ता, बल¨वदर ¨सह जौड़ा¨सघा, जस¨वदर ¨सह दीनपुर, मजीत ¨सह बाठ, सुख?¨मदर ¨सह, बिजे ¨सह , म¨हदर ¨सह अलाही, प्रताप ¨सह आदि मौजूद थे।