सिद्धू ने राजनीतिक रंजिश के चलते एक साल तक रोके रखा गुरु नगरी का विकास : मलिक
अमृतसर राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक ने स्थानीय निकायमंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू के बयान को आड़े हाथों लिया है, जिसमें सिद्धू ने कहा है कि निगमों को इसलिए एक साल फंड नहीं दिया गया, क्योंकि यहां अकाली-भाजपा के मेयर व पार्षद थे। मलिक ने कहा कि जब निगमों को अधिकार पंजाब सरकार से पैसे लेने का नहीं है तो फिर पंजाब सरकार को भी केंद्र सरकार से पैसे मांगने का कोई हक है। सिद्धू मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह को भी कहें कि वह केंद्र से पैसे न मांगे। उन्होंने सिद्धू के इस बयान और रवैये पर दुख जताते हुए कहा कि गुरुनगरी की दुहाई देने वाले सिद्धू ने राजनीतिक रंजिश के चलते एक साल तक शहर के विकास को रोके रखा।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक ने स्थानीय निकायमंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू के बयान को आड़े हाथों लिया है, जिसमें सिद्धू ने कहा है कि निगमों को इसलिए एक साल फंड नहीं दिया गया, क्योंकि यहां अकाली-भाजपा के मेयर व पार्षद थे। मलिक ने कहा कि जब निगमों को अधिकार पंजाब सरकार से पैसे लेने का नहीं है तो फिर पंजाब सरकार को भी केंद्र सरकार से पैसे मांगने का कोई हक है। सिद्धू मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह को भी कहें कि वह केंद्र से पैसे न मांगे। उन्होंने सिद्धू के इस बयान और रवैये पर दुख जताते हुए कहा कि गुरुनगरी की दुहाई देने वाले सिद्धू ने राजनीतिक रंजिश के चलते एक साल तक शहर के विकास को रोके रखा।
मलिक पत्नी के साथ मकबूल पूरा वार्ड 9 के बूथ नंबर 5 पर मतदान करने पहुंचे थे। मलिक ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा करवाया जा रहा निकाय चुनाव लोकतंत्र की हत्या है। भय और गुंडागर्दी के माहौल में चुनाव हुआ है। विपक्षी पार्टियों के प्रत्याशियों और वर्करों को कांग्रेसी नेताओं और पुलिस की धमकियां मिली है। झुंड बनाकर कांग्रेस पो¨लग बूथों पर जाकर लोगों को धमकाते रहे हैं। अपने 25 साल के राजनीतिक कैरियर में उन्होंने कभी ऐसा माहौल नहीं देखा। ऐसे माहौल में चुनाव करवाने का कोई औचित्य ही नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसे माहौल की पहले ही आशंका व्यक्त करते हुए जिला चुनाव अधिकारी कम डिप्टी कमिश्नर को शिकायतें दी थी, इसके बावजूद माहौल तो ठीक नहीं हुआ। उलटा उससे ज्यादा गुंडागर्दी हुई और प्रशासन तमाशा देखता रहा।
सत्ता सुख भोगता रहा सिद्धू परिवार
सिद्धू का यह कहना कि पूर्व के चुनावों में अकाली दल और भाजपा ने धक्केशाही की थी, पर मलिक ने कहा कि तब सिद्धू भी हमारे साथ ही थे। इसलिए उन्हें इस बाबत कुछ कहने का कोई अधिकार नहीं है। तब सत्ता का पूरा सुख उन्होंने व उनके परिवार ने भोगा है। उनकी पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू सरकार में चीफ पर्लिमेंटरी सचिव रही हैं, अगर तब कुछ गड़बड़ थी तो उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव हाईजेक करके बैक डोर से चुनाव जीतना चाहती है। पंजाब में अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा किया होता तो आज कैप्टन अम¨रदर ¨सह की सरकार न होती।