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एसजीपीसी ने तेज की धार्मिक संकट के हल की कवायद

श्री अकाल तख्त साहिब के पांच प्यारों की तरफ से पांच सिंह साहिबान को पद मुक्त करने के किए गए गुरुमते पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी धार्मिक संकट में है। इस संकट से निकलने के लिए कमेटी के अध्यक्ष जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ प्रयासों में जुटे हुए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2015 12:24 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2015 12:36 PM (IST)
एसजीपीसी ने तेज की धार्मिक संकट के हल की कवायद

अमृतसर [अशोक नीर]। श्री अकाल तख्त साहिब के पांच प्यारों की तरफ से पांच सिंह साहिबान को पद मुक्त करने के किए गए गुरुमते पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) धार्मिक संकट में है। इस संकट से निकलने के लिए कमेटी के अध्यक्ष जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ प्रयासों में जुटे हुए हैं। वे पिछले दो-तीन दिनों से विभिन्न स्तरों पर बैठक व बातचीत के माध्यम से संकट का समाधान ढूंढने में लगे हैं।

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पंच प्यारों के साथ शुरू किया गया बातचीत का दौर जारी है। उन्हाेंने पंज प्यारों से मंगलवार को भी बातचीत की। वह पांच सिंह साहिबान के साथ भी अति गोपनीय ढंग से मीटिंग कर रहे हैं। जत्थेदार मक्कड़ ने माल मंडी स्थित श्री गुरु रामदास जी डेंटल कॉलेज में एक प्यारे के साथ बातचीत की। इस बातचीत का विवरण तो नहीं मिल पाया है, लेकिन बताया जाता है कि मक्कड़ ने एक-एक करके सभी पंज प्यारों के साथ बातचीत का अभियान छेड़ा है ताकि गुरुमते को लेकर धार्मिक संकट से निकला जाए।

यह भी बताया जाता है कि गुरुमता को लेकर पंज प्यारे अपने फैसले पर दृढ़ हैं। पांच सिंह साहिबान को धार्मिक रूप से अलग-थलग करने के बाद पंज प्यारों ने सभी धार्मिक शक्तियां अपने अधिकार क्षेत्र में ले ली हैं। इससे इस बात का भी भय भी है कि इस पंथक संकट में यदि पंज प्यारों ने कुछ अन्य बड़े फैसले किए तो शिरोमणि कमेटी के लिए यह बड़ी चुनौती होगी।

जत्थेदार मक्कड़ ने पंज प्यारों के साथ बात करने के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के साथ भी उनके कार्यालय में बातचीत की। इस बैठक में तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह, एसजीपीसी कार्यकारिणी सदस्य दयाल सिंह कोलियांवाली व दिल्ली कमेटी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा भी थे।

एक घंटा चली इस बैठक में पांच प्यारों द्वारा किए गए गुरुमते को लेकर कोई बीच का रास्ता तलाशने पर चर्चा की गई। गुरुमते का हल इस विधि से ढूंढने की कोशिश की जा रही है कि पांच सिंह साहिबान की सर्वोच्चता बरकरार रहे।

शिरोमणि कमेटी ने इस पर भी मंथन किया है कि तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार व तख्त श्री हुजूर साहिब के जत्थेदार को हटाने के लिए उनके पास कोई भी प्रबंधकीय अधिकार नहीं है। ऐसे में वह गुरुमता के अनुसार इन दोनों को कमेटी कैसे हटा सकती है। इसी बात को आधार बनाकर कमेटी पंज प्यारों के साथ एक-एक करके बातचीत कर रही है।

जत्थेदारों को हटाए एसजीपीसी

एसजीपीसी कार्यकारिणी के सदस्य करनैल सिंह पंचोली ने कहा कि एसजीपीसी पांच तख्त साहिबान के जत्थेदारों को खुद हटा दे या जत्थेदार खुद इस्तीफा दे दें। सिख धर्म के प्रचारकों को सिद्धांतों से अलग नहीं किया जा सकता। जिस प्रकार पंजाब सरकार ने डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को बदल कर अपनी गलती स्वीकार की है, उसी तरह शिरोमणि कमेटी भी पांच सिंह साहिबान को बदल दे या उन्हें पद मुक्त कर दे।

पंचोली ने कहा कि निर्दोष सिखों की हत्या के आरोपी पुलिस कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की जाए और इस पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाई जानी चाहिए।

गरमपंथी संगठनों ने 10 नवंबर को बुलाया सरबत खालसा

श्री अकाल तख्त साहिब के पांच सिंह साहिबान की तरफ से डेरा मुखी संत राम रहीम सिंह को पहले माफी देना और फिर उसे रद करने के मामले को लेकर गरम पंथी संगठनों ने 10 नवंबर को सरबत खालसा बुला लिया है। गरमपंथी संगठनों का एक शिष्टमंडल मंगलवार सुबह एसजीपीसी के मुख्य सचिव हरचरण सिंह से मिला।

शिष्टमंडल ने हरचरण सिंह से मांग की कि 10 नवंबर को सरबत खालसा बुलाने के लिए मंजी साहिब दीवान हाल में जगह दी जाए। इनका कहना है कि सिंह साहिबान ने अपने फैसले से सिख धर्म के मूल सिद्धांतों व परंपराओं को चोट पहुंचाई है।

शिष्टमंडल में शामिल भाई मोहकम सिंह ने कहा कि सरबत खालसा में भाग लेने के लिए एसजीपीसी को निमंत्रण भी दिया गया है। यदि एसजीपीसी ने मंजी साहिब दीवान हाल में सरबत खालसा समारोह की आज्ञा न दी तो संभावना है कि यह कहीं दूसरे स्थान पर किया जाएगा।


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