अब एसजीपीसी प्रधान लोंगोवाल ने दी सफाई, कहा- नहीं पता था कि बगल में चावला बैठा है
एसजीसीपी अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा है कि पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर शिलान्यास समारोह में उन्हें नहीं पता था कि उनके बगल में गोपाल सिंह चावला बैठा है।
जेएनएन, अटारी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीसीपी) के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा है कि पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर शिलान्यास समारोह में उन्हें नहीं पता था कि उनके बगल में गोपाल सिंह चावला बैठा है। उनको पाक सरकार ने जो सीट प्रदान की थी वह वहीं बैठे थे। शुक्रवार को अटारी सीमा के रास्ते लौटे लोंगोवाल ने भी सिद्धू की ही तरह सफाई दी है। सिद्धू ने भी खालिस्तानी आतंकी के साथ फोटो खिंचवाने के मामले में कहा था कि उन्हें नहीं पता कि कौन चावला है कौन चीमा।
लोंगोवाल ने कहा कि चावला के साथ उनकी कोई बातचीत भी नहीं हुई है। चावला के साथ कई और अधिकारी बैठे हुए थे। उनकी फोटो को लेकर जानबूझ कर विवाद पैदा किया जा रहा है। उनका चावला के साथ कोई भी संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि श्री करतारपुर साहिब के रास्ते संबंधी नींवपत्थर समारोह में शामिल होना उनकी खुशकिस्मती है।
एसजीपीसी प्रधान ने कहा कि वह इस ऐतिहासिक अवसर को सदा याद रखेंगे। वह जल्द ही एसजीपीसी शिष्टमंडल के साथ फिर पाकिस्तान जाएंगे। श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को पाकिस्तान में भी विशाल स्तर पर मनाने की तैयारियां की जा रही हैं। इस संबंध में उनकी पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारी व पाकिस्तान ओकाफ बोर्ड के अधिकारियों से बातचीत हुई है।
प्रकाश पर्व को लेकर शताब्दी कमेटी बनाई जाएगी
लोंगोवाल ने कहा कि पाकिस्तान की अगली यात्रा के दौरान एसजीपीसी व पाकिस्तान गुुरुद्वारा कमेटी श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने के लिए एक सांझी शताब्दी कमेटी भी बनाएगी। पाकिस्तान गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान तारा सिंह व अन्य पदाधिकारियों ने एसजीपीसी को प्रकाश पर्व समारोह की रूपरेखा बनाने संबंधी जनवरी 2019 में दोबारा पाकिस्तान आने का आमंत्रण दिया है। ओकाफ बोर्ड के सचिव जनाब तारिक वजीर खान, अतिरिक्त सचिव इमरान गोंदल व फरा अब्बास के साथ भी प्रकाश पर्व संबंधी बातचीत की गई है।
पाक स्थित कुछ गुरुद्वारों की हालत ठीक नहीं
लोंगोवाल ने कहा कि पाकिस्तान स्थित कुछ गुरु स्थलों की हालत ठीक नहीं है जिससे उनको भारी निराशा हुई है। उन्होंने शहीद भाई मनी सिंह व शहीद भाई तारू सिंह के लाहौर स्थित गुरुद्वारा साहिब का हवाला दिया। कुछ गुरुद्वारा साहिबान की जगह पर स्थानीय लोगों की ओर से कब्जे भी किए हुए हैं। इस अवसर पर उनके साथ एसजीपीसी सदस्य मगविंदर सिंह खापडख़ेड़ी, गुरिंदर पाल सिंह लाली रानिके, उदय सिंह लोंगोवाल, दिलजीत सिंह बेदी, सुखमिंदर सिंह, जसविंदर सिंह, राजिंदर सिंह रूबी, दर्शन सिंह, जगजीत सिंह, जसबीर सिंह जस्सी, दिलराज सिंह गिल आदि मौजूद थे।