सिख रेफरेंस लाइब्रेरी पर अकालियों ने किया गुमराह : धालीवाल
कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि अकाली दल बादल और एसजीपीसी देश विदेश में रहने वाले सिखों को गुमराह कर रही है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : आम आदमी पार्टी के माझा जोन के अध्यक्ष व कोर कमेटी सदस्य कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि सिख रेफरेंस लाईब्रेरी के मामले में अकाली दल बादल और एसजीपीसी देश विदेश में रहने वाले सिखों को गुमराह कर रही है। सिख कौम को अकाली दल की इस राजनीति से सुचेत होना चाहिए। लाईब्रेरी के समान की जानकारी सिख कौम से छुपा कर रखने वाले नेताओं के खिलाफ कौम को मैदान में आना चाहिए। धालीवाल लाईब्रेरी के मुद्दे को लेकर मीडिया के साथ बातचीत कर रहे थे।
धालीवाल ने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि सीबीआइ की ओर से सिख रेफरेंस लाईब्रेरी के समान की पहली किश्त 11 अक्टूबर 1984 को एसजीपीसी के तत्काली सचिव भान सिंह को सौंप दी थी। इस के बाद पांच अन्य किश्तों में भी काफी समान एसजीपीसी को सरकार की ओर से सौंपा जाता रहा परंतु एक सुनियोजित राजनीति के तहत एसजीपीसी ने इस आए हुए सामान आदि के संबंध में जानकारी सिख कौम से छुपा कर रखी। अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह पांच वर्षों तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। पिछले 5 वर्ष सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल केंद्र सरकार की मंत्री रहीं। अब भी केंद्र में मंत्री हैं। पिछले दस वर्ष अकाली दल बादल की राज्य में सरकार रही। इससे पहले बादल अकाली दल ने वर्ष 2002 से लेकर 2007 तक पंजाब की सत्ता संभाले रखी। इतना समय तक अकाली दल सिख रेंफरेंस लाईब्रेरी को लेकर चुप्पी क्यों धारण किए रखा। सत्ता से बाहर होते ही उन्हें सामान की याद आ गई।
एसजीपीसी अध्यक्ष व अकाली दल अध्यक्ष से मांगा जवाब
धालीवाल ने कह कि एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिद सिंह लोंगोवाल और अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल सिख कौम को स्पष्ट करें कि सरकार और सीबीआइ ने आज तक जो सामान एसजीपीसी को लौटाया उसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया। अभी तक दोषियों को सजाएं क्यों नहीं दी गई। दोषियों को सिख कौम खुद ही सजाएं दिलवाए, नहीं तो उनकी धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुए यह नेता अपनी राजनीति चलाते रहेंगे। इस दौरान उनके साथ पार्टी के नेता डॉ. इंद्रपाल सिंह व अन्य भी मौजूद थे।
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