टीमें गठित, स्कूल बसों की होगी चेकिंग
। जिला ट्रांसपोर्ट विभाग ने सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत स्कूल बसों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
जिला ट्रांसपोर्ट विभाग ने सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत स्कूल बसों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। डिप्टी कमिश्नर की हिदायतों के बाद इसके लिए टीमें गठित कर ली गई हैं। आरटीए कार्यालय, पंजाब पुलिस, सामाजिक सुरक्षा विभाग और एनजीओ मिलकर एक टीम के रूप में काम करेंगे। जिला ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी सेक्रेटरी ने मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर को सभी स्कूल बसों की चेकिग कर रिपोर्ट करने को कहा है।
गौर हो कि डिप्टी कमिश्नर शिवदुलार सिंह ढिल्लों को शिकायतें मिली थी स्कूल वाहनों में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बसों के चालक जहां तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं, वहीं कई चालक ड्राइविग के वक्त मोबाइल और स्टीरियो का इस्तेमाल करते हैं। बस चलाते समय इन दोनों चीजों के प्रयोग से हादसा होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। शिकायत में यह भी बताया गया कि कई स्कूल बस चालकों के पास तो ड्राइविग लाइसेंस ही नहीं हैं। इसके बाद डीसी ने आरटीए को इस बाबत हिदायतें जारी करते हुए स्कूल वाहनों की चेकिग को अपनी रूटीन बनाने को कहा है।
बताया जा रहा है कि सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत जिले में चलाए जाने वाले अभियान का मकसद जहां बसों की चेकिग कर उसमें खामियां दूर करना है, वहीं इसे लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों को सख्ती से लागू करवाना है। इसके तहत खामियों वाले वाहन मिलने पर जहां स्कूल बसों के चालान काटे जा रहे हैं, वहीं वाहनों को इंपाउंड भी किया जाएगा। इस अभियान का मकसद बाहरी राज्यों से यहां लाई गई बसों की रजिस्ट्रेशन चेक करना भी है। मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह ने बताया कि हर स्कूल के वाहन की चेकिग की जाएगी। पंजाब में बिना रजिस्ट्रेशन करवाए बाहरी राज्यों से यहां लाई गई बसों को इंपाउंड किया जाएगा। स्कूल वाहनों की जांच का काम शुरू कर दिया गया है और पिछले समय के दौरान दो दर्जन से ज्यादा वाहनों के चालान काटे गए जबकि दो-तीन स्कूल बसों को इंपाउंड भी किया गया है। प्रिंसिपलों को हिदायतें जारी कर दी गई हैं: दरबारा सिंह आरटीए सेक्रेटरी दरबारा सिंह ने बताया कि सभी स्कूलों के प्रिसिपलों और प्रबंधकों को हिदायतें जारी कर दी गई हैं, ताकि वे अपने स्तर पर स्कूल वाहनों में पाई जाने वाली कमियों को पूरा कर लें। क्योंकि जिला प्रशासन की ओर से होने वाली चेकिग के दौरान खामियां मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह हैं हाईकोर्ट के निर्देश
-स्कूल बस चालक को कम से कम पांच साल का अनुभव और वैध एलटीवी लाइसेंस होना चाहिए।
-स्कूल बस में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य और स्टीरियो नहीं होना चाहिए।
-बस में महिला अटेंडेंट का होना जरुरी है।
-स्कूल बस में आग बुझाने के यंत्र होना चाहिए।
-बस में स्टीरियो नहीं हो और फर्स्ट एड किट होनी चाहिए।
-बस के पास रूट परमिट होना चाहिए। रविदर शर्मा