पिता संग कंधा मिला, लोगों को नई 'जिंदगी' दे रही सरिता
स्वच्छ समाज की स्थापना से ही तरक्की का मार्ग खुलता है।
कमल कोहली, अमृतसर : स्वच्छ समाज की स्थापना से ही तरक्की का मार्ग खुलता है। जिस तरह से हमारी युवा पीढ़ी नशे की दलदल में फंस कर जीवन बर्बाद कर रही है। वह समाज के लिए एक चिताजनक विषय है। नशे के प्रकोप को समाप्त करने तथा नशे को खत्म करने के लिए एक युवती ने संकल्प लिया है। वह नशे के कोढ़ को समाज से उखाड़ना चाहती है।
25 वर्षीय युवा सरिता शर्मा का एक ही सपना है कि वह अपने जीवन में समाज के प्रति ऐसी सेवा करे, जोकि लड़कियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हो। सरिता अपने जीवन में कन्या भ्रूण हत्या, जरूरतमंद परिवारों की सहायता व नशे में फंसी नौजवान पीढ़ी को नशे की दलदल से बाहर निकालने के लिए काम कर रही हैं। एमए सोशलॉजी की शिक्षा ग्रहण करने वाली सरिता को समाजसेवा का शौक नशा विरोधी समाज निर्माण संस्था के चेयरमैन उनके पिता बाल कृष्ण शर्मा से मिला है। वह पिता के साथ भी समाजसेवा के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। पिछले पांच वर्षो से सरिता लोगों को यह संदेश दे रही हैं कि अपना जन्मदिवस होटलों, रेस्टोरेंट की बजाय अनार्थ आश्रम, पिगलवाड़े व गरीब बस्तियों में मनाएं। ताकि बच्चों में आत्मविश्वास की भावना जग सके। कन्या भ्रूण हत्या के बारे में कर रही जागरूक
सरिता शर्मा कई जगहों में जाकर कन्या भ्रूण हत्या के बारे में अपने विचार रखकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। उनका मानना है कि लड़कियां भी हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना सकती हैं। इसलिए लड़कियों को शिक्षित करके आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए। अब तक वह करीब 100 से अधिक कार्यक्रम करवा चुकी हैं। अपने घर में भी एक कोचिग सेंटर खोला है, जिसमें जरूरतमंद परिवारों को बच्चों को शिक्षित किया जाता है। 500 बच्चों की कर चुकी हैं मदद
सरिता अब तक करीब 500 बच्चों को शिक्षा का खजाना दे चुकी हैं। रैलियों व सेमिनारों में भाग लेकर लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित कर रही हैं। सरिता तनाव ग्रस्त लोगों के भीतर भी धार्मिक प्रवृत्ति के भावना पैदा करके उनके तनाव भरे वातावरण से बाहर निकाल कर समाजसेवा कर रही हैं।