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फोटो नंबर - 33 कापी

अमृतसर : जंडियाला गुरु इलाके में 24 अगस्त की रात हुए कांग्रेसी नेता कुल¨वदर ¨सह ¨कदा हत्याकांड में मुख्य आरोपित संजीव कुमार उर्फ हैपी ने सोशल मीडिया पर परिवार सहित एक वीडियो वायरल कर खुद को निर्दोष बताया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 06:10 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 06:10 PM (IST)
फोटो नंबर - 33 कापी
फोटो नंबर - 33 कापी

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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जंडियाला गुरु इलाके में 24 अगस्त की रात हुए कांग्रेसी नेता कुल¨वदर ¨सह ¨कदा हत्याकांड में मुख्य आरोपित संजीव कुमार उर्फ हैपी ने सोशल मीडिया पर परिवार सहित एक वीडियो वायरल कर खुद को निर्दोष बताया है। आरोपित बार-बार यही कह रहा है कि उसे षड्यंत्र के तहत फंसाया जा रहा है। जबकि वह तो उस दिन झगड़ा सुलझाने पहुंचा था। हत्या का आरोपित संजीव कुमार द्वारा जारी 4.49 मिनट की वीडियो में पीड़ित पक्ष के कई सहयोगियों का नाम उसे प्रताड़ित करने के लिए ले रहा है।

आरोपित कह रहा है कि अगर उसे इंसाफ नहीं मिला तो वह परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर खुदकशी कर लेगा। संजीव कुमार उर्फ हैपी यही कह रहा है कि कुल¨वदर ¨सह उर्फ ¨कदा (मृत कांग्रेसी नेता) के केस की पैरवी करनेवाला राज कुमार मल्होत्रा उसे झूठे केस में फिट करवा दिया है। वह कह रहा है कि वह कट्टर कांग्रेसी और पार्टी के लिए कई साल काम करने के बाद उसे कांग्रेस में शहरी प्रधान का पद मिला था। लेकिन कांग्रेसी नेता राज कुमार मल्होत्रा ने उसे केस में फंसाकर उसका करियर ही समाप्त कर दिया है। आरोपित ने वीडियो में मुख्यमंत्री और डीजीपी सुरेश अरोड़ा से न्याय की गुहार लगाई है। उसने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि वह और उसका परिवार मौजूदा हालातों से निकल सके। इस बाबत एसएसपी देहाती परमपाल ¨सह ने बताया कि मामले की जांच करवाई जा रही है।

जांच को प्रभावित करने का प्रयास : मल्होत्रा

कुल¨वदर हत्याकांड में शिकायतकर्ता व नगर कौंसिल जंडियाला गुरु के पूर्व प्रधान राज कुमार मल्होत्रा ने कहा कि संजीव कुमार उर्फ हैपी जांच को प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है। घटना से जुड़े सभी फुटेज, वीडियो और मौके के गवाह पुलिस के पास हैं। पुलिस ने सबूतों के आधार पर ही केस दर्ज किया था। हालाकि इस मामले में घटना स्थल पर मौजूद पुलिस कर्मियों को एसएसपी ने लापरवाही के आरोप में सस्पेंड भी कर दिया था। साक्ष्य होने के बावजूद अगर कोई इस तरह की वीडियो सोशल मीडिया पर डालता है तो वह लोगों और पुलिस की सहानुभूति बटोरने का प्रयास करता है। उन्होंने वीडियो के बारे में एसएसपी और आईजी को जानकारी दे दी है।


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