प्रकाश पर्व जेलों में बंद सिख कैदियों की मांगी रिहाई
अमृतसर : मदमी टकसाल के मुखी बाबा हरनाम ¨सह धुम्मा ने भारत के राष्ट्रपति से अपील की है कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर जेलों में बंद उन सिख कैदियों को रिहा किया जाए। जो सिख कैदी अपनी सजाएं पूरी कर चुके हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
दमदमी टकसाल के मुखी बाबा हरनाम ¨सह धुम्मा ने भारत के राष्ट्रपति से अपील की है कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर जेलों में बंद उन सिख कैदियों को रिहा किया जाए। जो सिख कैदी अपनी सजाएं पूरी कर चुके हैं। उन्होंने भारत के संविधान की धारा 72 के तहत इन कैदियों को रिहा करने की भी मांग की है। इस संबंध में टक्साल के मुखी की ओर से भारत के राष्ट्रपति को एक अपील पत्र भी भेजा है।साथ ही मांग की है कि बुड़ैल जेल में बंद परमजीत ¨सह प्यौरा को उसकी माता के साथ मिलने के लिए पैरोल पर रिहा किया जाए। क्योंकि पयौरा की माता की हालत काफी नाजुक है।
भारत के राष्ट्रपति को लिखे पत्र में बाबा धुम्मा ने कहा कि देश की आजादी के लिए सिखों ने अहम भूमिका निभाई है। सिख कौम गुरु साहिब की शिक्षाओं पर चलते हुए सरबत के भले के रास्ते पर चल रही है। इस लिए सारी दुनिया की मानवा के साथ प्यार करने की मिसाल पैदा करने वाल गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर जेलों में बंद उन सिख कैदियों को रिहा किया जाए जो अपनी सजाएं पूरी कर चुके है। 20 के करीब सिख कैदी अलग अलग जेलों में बंद है। जो अपनी करीब 20—20 वर्षों की सजाएं पूरी कर चुकें है। उन्होंने कहा कि जेलों के अंदर जो बीस सिख कैदी बंद है उनका व्यवहार भी ठीक है। इस लिए इनको रिहा किया जाए। वहीं जेल में बंद परमजीत सिह प्यौरा की माता की हालत काफी नाजुक है। इस लिए प्यौरा को उसकी मां प्रीतम कौर से मिलने के लिए पैरोल पर रिहा किया जाए। उन्होने राष्ट्रपति से मानवता के आधार पर इस अपील को स्वीकार करने की मांग की है।