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महक मसालों के सैंपल पास, स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई फेल

अमृतसर महक मसाला कंपनी पर स्वास्थ्य विभाग की रेड विवादों में घिर गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 06:10 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 06:10 PM (IST)
महक मसालों के सैंपल पास, स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई फेल
महक मसालों के सैंपल पास, स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई फेल

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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महक मसाला कंपनी पर स्वास्थ्य विभाग की रेड विवादों में घिर गई है। 19 अगस्त को की गई इस रेड के बाद विभाग ने मसाला फैक्ट्री को सील कर दिया था। विभागीय अधिकारियों ने मसालों के सैंपल भरकर लेबोरेट्री जांच के लिए भेजे। लेबोरेट्री रिपोर्ट में ये सभी मसाले पास हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई कार्रवाई फेल साबित हुई है। यह बात रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए महक मसाला कंपनी के मालिक रोहित अरोड़ा ने कही। उन्होंने बताया कि जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लखबीर ¨सह भागोवालिया के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बल्ला कलां गांव स्थित उनकी फैक्ट्री में छापामारी की थी। छापामारी करना स्वास्थ्य विभाग का अधिकार है, लेकिन इस छापामारी में अधिकारी ने कानूनी गाइडलाइन को नजरअंदाज किया। नियमानुसार किसी भी फैक्ट्री में छापामारी के बाद सैंपल भरे जाते हैं और फिर इन्हें लेबोरेट्री में भेजा जाता है। जांच रिपोर्ट में यदि सैंपल फैल हैं तो अधिकारी की ओर से फैक्ट्री सील की जा सकती है। दूसरी तरफ डॉ. भागोवालिया ने सैंपल भरे और साथ ही फैक्ट्री सील कर दी। उनकी इस कार्रवाई से महक मसाला ब्रांड की छवि खराब हुई है। अब जबकि सैंपल रिपोर्ट आ चुकी है और सभी दस सैंपल पास हैं तो विभाग ने फैक्ट्री की सील भी खोल दी है। विभागीय अधिकारी फैक्ट्री सील करने से पहले सैंपल रिपोर्ट का इंतजार कर लेते तो उनकी प्रतिष्ठा धूमिल न होती।

रोहित अरोड़ा ने कहा कि महक मसाला फैक्ट्री में मसालों की री-पै¨कग नहीं होती। हम खुद मसाले ग्राइंड करते हैं और उन्हें मशीनों के जरिए पैक किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यह आरोप लगाया था कि बल्ला कलां स्थित फैक्ट्री में मसाले तैयार किए जाते हैं और पैकेट पर हकीमां गेट का एड्रेस लिखकर इन्हें पैक किया जाता है। सच तो यह है कि हकीमां गेट में हमारा रजिस्टर्ड ऑफिस है। इस ऑफिस का एड्रेस हम नियमानुसार मसालों की पै¨कग पर यूज कर सकते हैं। छापामारी के दौरान टीम को मसालों में कलर, एडल्ट्रेशन मैटीरियल नहीं मिला। जो मसाले वहां रखे थे, वे एक्सपायरी नहीं, बल्कि वेस्ट विफोर यूज थे। यानी कि इन्हें उपयोग में लाया का सकता था। हमने ये मसाले री—पै¨कग के लिए, नहीं बल्कि नष्ट करने के लिए रखे थे। ऐन मौके पर टीम ने छापामारी कर इस पर आपत्ति दर्ज कर दी।

लेबोरेट्री में भेजे गए मसालों की सैंपल रिपोर्ट भी मुझे नहीं दी गई। मैंने अधिकारियों से संपर्क किया तो बताया गया कि आपके सैंपल पास हैं और पास सैंपल की रिपोर्ट नहीं दी जाती। ऐसे में मैंने आरटीआइ के माध्यम से सैंपल रिपोर्ट मंगवाई।

पांच सैंपल फेल हैं : डॉ. भागोवालिया

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लखबीर सिह भागोवालिया ने कहा कि महक मसाला के दस सैंपलों में से पांच फेल हैं। छापामारी के दौरान फैक्ट्री में तीन अलग अलग जगहों से एक्सपायरी मसाले मिले थे। महक मसाला के खिलाफ फूड कमीशन कार्यालय से शिकायत आई थी। इसी शिकायत के आधार पर हमने कार्रवाई की। मसाले एक्सपायरी थे, इसलिए हमने तत्काल फैक्ट्री भी सील की थी। फिलहाल फैक्ट्री की सील खोल दी गई है, क्योंकि हम किसी का काम बंद नहीं कर सकते। फैक्ट्री मालिक से एफिडेविट लिया गया है कि वह भविष्य में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट की गाइडलाइन के अनुसार मसालों की पै¨कग करेगा।


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