सुखबीर ने टकसालियों के गढ़ में सेंध लगाने के लिए लगाई मजीठिया की ड्यूटी
। कैप्टन अमरिदर सिंह की सरकार को अधूरे चुनावी वादों पर घेरने के लिए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) द्वारा 27 फरवरी को रखी गई जिला स्तरीय रैली में एक तीर से दो निशाने लगाए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, खडूर साहिब : कैप्टन अमरिदर सिंह की सरकार को अधूरे चुनावी वादों पर घेरने के लिए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) द्वारा 27 फरवरी को रखी गई जिला स्तरीय रैली में एक तीर से दो निशाने लगाए जाएंगे।
एक तरफ यह रैली कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने के लिए की जा रही है और दूसरी तरफ अकाली दल टकसाली में शामिल हुए परिवारों की घर वापसी के लिए रास्ता साफ कर सकती है। माझे से संबंधित कुछ परिवारों को शिअद से दोबारा जोड़ने लिए पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल द्वारा पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की ड्यूटी लगाई गई है।
तरनतारन की अनाज मंडी में होने वाली रैली में चार विधानसभा हलकों की लीडरशिप द्वारा पूरी ताकत झोंकी जा रही है। प्रत्येक वर्कर को लामबंद करके रैली में भीड़ जुटाने की रणनीति बनाई गई है। साथ ही अकाली दल टकसाली के अध्यक्ष जत्थेदार रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा के क्षेत्र खडूर साहिब से संबंधित उन परिवारों को शिअद के साथ दोबारा जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है जो रूठ कर ब्रह्मपुरा के खेमे में चले गए थे।
बादल परिवार से नाराज होकर घर बैठे पूर्व सांसद मेजर सिंह उबोके की रैली में शमूलियत यकीनी बनाने के लिए सुखबीर सिंह बादल ने पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को जिम्मेदारी सौंपी है। गौर हो कि एसजीपीसी सदस्य से लेकर विधायक, माल मंत्री और सांसद बनने के दौरान मेजर सिंह उबोके का कैरों परिवार द्वारा लगातार विरोध किया जाता था। ऐसे में मजीठिया भी चाहते हैं कि पूर्व सांसद उबोके को शिअद के मंच पर दोबारा लाया जाए। साथ ही अकाली दल टकसाली से जुड़े दो बड़े नेताओं की घर वापसी का भी जोर लगाया जा रहा है।
उधर विधानसभा हलका खडूर साहिब से संबंधित शिअद के चार दिग्गज नेता भी कांग्रेस के खिलाफ होने वाली रैली में भीड़ जुटाकर बादल परिवार से आशीर्वाद लेने की ताक में हैं। इन नेताओं में एसजीपीसी के पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष अलविंदरपाल सिंह पखोके, शिअद के संगठनात्मक सचिव दलबीर सिंह जहांगीर, कुलदीप सिंह औलख के अलावा पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमनदीप सिंह भरोवाल शामिल हैं। टकसाली परिवारों पर भी शिअद की नजर
अकाली दल टकसाली को कमजोर करने लिए शिअद की नजर उन परिवारों पर भी है जो लंबे समय तक शिअद में रह चुके हैं। मिसाल के तौर पर तुड़ और लालपुरा परिवार को दोबारा अपने साथ जोड़ने के लिए पार्टी स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। तरनतारन से तीन बार सांसद रहे तरलोचन सिंह तुड़ के बेटे हरभजन सिंह तुड़ लंबे समय से शिअद से किनारा करके घर बैठे हैं। जबकि एक बार एसजीपीसी अध्यक्ष, तीन बार विधायक चुनाव जीतने वाले जत्थेदार प्रेम सिंह लालपुरा के बेटे दलजीत सिंह लालपुरा से भी शिअद द्वारा संपर्क साधा जा रहा है। प्रेम सिंह लालपुरा तरनतारन से सांसद चुनाव जीतने के बाद शिअद से बागी हो गए थे। बाद में उनको पार्टी से निकाल दिया गया था।