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राष्ट्रीय स्वयं सेवकों ने स्थापना दिवस पर किया शस्त्र पूजन

। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस पर स्वयं सेवकों ने 29 जगहों पर शस्त्र पूजन कर विजयदशमी का पर्व मनाया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 07:20 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 07:20 PM (IST)
राष्ट्रीय स्वयं सेवकों ने स्थापना दिवस पर किया शस्त्र पूजन
राष्ट्रीय स्वयं सेवकों ने स्थापना दिवस पर किया शस्त्र पूजन

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस पर स्वयं सेवकों ने 29 जगहों पर शस्त्र पूजन कर विजयदशमी का पर्व मनाया। कोविड-19 की वजह से हर साल आयोजित किया जाने वाला पंथ संचालन इस बार नहीं रहा।

शाखा अनुसार ही स्वयंसेवकों ने शस्त्र पूजन करते हुए प्रार्थना की। महानगर में आयोजित कार्यक्रमों में मुख्यवक्ता के तौर पर क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख रामेश्वर दास, प्रांत प्रचारक प्रमोद कुमार, प्रांत प्रोढ़ कार्य प्रमुख अमृत सागर, विभाग प्रचारक अक्षय कुमार, विभाग संघ चालक डा. करुणेश गुप्ता ने शस्त्र पूजन के कार्यक्रमों में शिरकत की।

संघ अधिकारियों ने विजयदशमी की बधाई देते हुए कहा कि हिदू धर्म की रक्षा के साथ ही अखंड भारत के अस्तित्व और देश धार्मिक, सामाजिक भाईचारे को बनाए रखने के लिए ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गई थी। शस्त्र पूजन सनातन धर्म की पौराणिक परंपरा है। शस्त्र पूजन कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि सनातन धर्म की पौराणिक मान्यता है, जिसका निर्वहन करना प्रत्येक भारतीय का नैतिक दायित्व है। देश की अखंडता के साथ ही सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक एकता को बनाए रखना हर नागरिक का सामाजिक दायित्व है।

बाग रामानंद में संघ के प्रांत प्रचारक प्रमोद कुमार ने कहा कि देश की भावी पीढ़ी को अपनी गौरवमय विरासत से अवगत करवाना समय की मांग है। उन्होंने कहां की सभी भाषाओं का ज्ञान अच्छी बात है, लेकिन मौजूदा समय में हम अपने बच्चों पर अंग्रेजी भाषा थोप रहे हैं जिसके चलते बच्चे दुविधा में पड़ जाते हैं न वह अंग्रेजी में पूर्ण होते हैं और न ही मातृभाषा हिदी को सही ढंग से समझ पाते हैं । साथ ही उन्होंने कहा कि लव जेहाद को रोकने के लिए हमें अपनी बच्चियों को समझाने की जरूरत है अगर बच्ची कोई गलती करती है तो उससे नाता तोड़ लेना समस्या का हल नहीं है। तुलसीदास जी के दोहे का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि हाथ में पकड़ी लाठी कई प्रकार से फायदेमंद रहती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी की जा रही नई शिक्षा नीति फायदेमंद साबित होगी। हो सकता है कि इस नीति के चलते पांचवी कक्षा तक छात्र को मातृभाषा में की शिक्षा दी जाएगी उसके बाद दूसरी और तीसरी भाषा का ज्ञान छात्रों को दिया जाएगा


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