रिटा. जेल सुप¨रटेंडेंट और डाक्टर हत्या के मामले में गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, अमृतसर रिटायर्ड जेल सुप¨रटेंडेंट अमरीक सिंह और जेल के रिटा. डाक्टर ग
जागरण संवाददाता, अमृतसर
रिटायर्ड जेल सुप¨रटेंडेंट अमरीक सिंह और जेल के रिटा. डाक्टर गुरनाम सिंह को सोमवार तड़के पुलिस ने हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है। न्यायाधीश मंदीप सिंह की अदालत ने दोनों आरोपियों को 23 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
जानकारी अनुसार कैंटोनमेंट थाने की पुलिस ने 22 मार्च 2016 को गुमटाला जेल के तत्कालीन जेल सुप¨रटेंडेंट अमरीक सिंह, सहायक जेलर रंजीत सिंह, सहायक जेलर अवतार सिंह, सहायक जेलर तस्वीर सिंह, सहायक जेलर गुरविदर सिंह, डाक्टर गुरनाम सिंह, नायब तहसीलदार हरविंदर सिंह, वार्डन जरनैल सिंह, वार्डन अनिल कुमार, वार्डन अमरजीत सिंह, वार्डन मंजीत सिंह, हैड वार्डन सतपाल सिंह, हैड वार्डन केवल कुमार, वार्डन गुरप्रगट सिंह, वार्डन दलजिंदर सिंह, हैड वार्डन मणिराम, हैड वार्डन सरबजीत सिंह, वार्डन रंजीत सिंह, वार्डन कुलदीप सिंह, वार्डन जसबीर सिंह, हैड वार्डन गुरवंत सिंह, हैड वार्डन कश्मीर सिंह, हैड वार्डन न¨रदर सिंह, वार्डन कर्मजीत सिंह, अमरजीत सिंह, हैड वार्डन अजीत सिंह, हैड वार्डन बलबीर सिंह, हैड वार्डन अर्षपाल सिंह व हैड कांस्टेबल मदन मोहन पर मामला दर्ज किया था। उक्त मामले में जुड़े ज्यादातर आरोपी अपना तबादला अन्य जेलों में करवा चुके हैं।
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यह था मामला
मकबूलपुरा पुलिस ने 2013 में मेहता रोड निवासी राजू को नशा बेचने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल में उसके साथ मारपीट करने का आरोप है। उसे गंभीर हालत में गुरु नानक देव अस्पताल लाया गया जहां राजू ने दम तोड़ दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके साथ मारपीट की पुष्टि हुई थी। लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। राजू की मां मंजीत कौर ने इंसाफ के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी।
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15 लाख मुआवजा किसे दे पुलिस
17 दिसंबर 2015 को हाईकोर्ट के जज फतेहदीप सिंह ने आदेश जारी किया था कि सरकार राजू की मां मंजीत कौर को 15 लाख रुपए हर्जाना दे। मां के बाद राजू के बच्चों और पत्नी को भी भुगतान किया जा सकता है। लेकिन राजू की शादी नहीं हुई थी और मां की मौत हो चुकी थी। कैंटोनमेंट और मकबूलपुरा थाने की पुलिस आज तक राजू के भाई की तलाश कहा रही है। पता चला है कि राजू का भाई पेशे से ट्रक ड्राइवर था और जगह बेचकर किसी अन्य शहर में जा चुका है।
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सैशन जज की रिपोर्ट पर आईजी ने भी की जांच
गौर रहे उक्त गंभीर मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर सैशन जज की रिपोर्ट पर कैंटोनमेंट थाने की पुलिस ने तो केस दर्ज कर लिया था। लेकिन पुलिस विभाग ने अपने मुलाजिमों को गिरफ्तारी से बचाने के लिए आईजी स्तर के अधिकारी की सिट कमेटी बनाकर जांच के आदेश दे दिए थे।